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2011 में देश में प्रवासियों की संख्या 45.57 करोड़ थी।
देश में प्रवासियों का पैटर्न तेजी से बदल रहा है। 2011 से 2023 के बीच 12 साल में प्रवासियों की संख्या करीब 12% घट गई। 2011 में देश में प्रवासियों की संख्या 45.57 करोड़ थी, जो 2023 में घटकर 40.20 करोड़ रह गई है। वहीं, माइग्रेशन रेट की बात करें तो 2011 में यह 38% था, जो 2023 में 29% रह गया। खास बात यह है कि अब 75% से ज्यादा माइग्रेशन अपने मूल उद्गम से 500 किमी के दायरे में सिमट रहा है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने 2011 से 2023-24 के दौरान अनारक्षित रेलवे टिकटिंग,सैटेलाइट से रात में तस्वीरें, मोबाइल के रोमिंग रजिस्ट्रेशन, राज्यों में गैर-कृषि भूमि के इस्तेमाल, बैंकों में जमा जैसे आंकड़ों के जरिए माइग्रेशन पर तैयार की गई रिपोर्ट्स में यह निष्कर्ष निकाला है।
रिपोर्ट्स की बड़ी बातें…
रिपोर्ट कहती है कि अब बड़े महानगरों के आसपास के उपनगर प्रवासियों के लिए नए सेंटर के रूप में उभर रहे हैं। इसमें दिल्ली से सटा गाजियाबाद, मुंबई से सटा ठाणे, चेन्नई के करीब कांचीपुरम और कोलकाता से सटा उत्तरी 24 परगना जिला शामिल है।
मोबाइल की रोमिंग लोकेशन से जुड़े ट्राई के आंकड़ों के हिसाब से मई 2012 की तुलना में मई 2023 में यूजर्स का आवागमन 6.67% कम हुआ है। 2011 में जो पांच राज्य प्रवासियों को सबसे अधिक आकर्षित करते थे, उनमें प. बंगाल और राजस्थान का नाम जुड़ गया है। आंध्र प्रदेश और बिहार अब निचले पायदानों पर हैं।
7 बड़े कारण, जिनसे माइग्रेशन घट रहा
- 2011 से 2023 के बीच पीएम ग्रामीण सड़क योजना केतहत सड़क की लंबाई में 283% बढ़ गई। 2011-12 में 3.26लाख किमी से बढ़कर 2023 में 12.48 लाख किमी हो गई।आवागमन आसान होने से आसपास होने वाला माइग्रेशन रुका।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2014 से 2024के दौरान 2,64,87,910 घरों का निर्माण पूरा हुआ।
- दिसंबर, 2014 में लॉन्च की गई दीनदयाल उपाध्याय ग्रामज्योति योजना के तहत देश के हर घर तक बिजली पहुंच गई।
- जल जीवन मिशन के तहत अगस्त, 2024 तक 11.82 करोड़अतिरिक्त घरों में नल से जल पहुंचाया। अब देश के 77.98%यानी 15.07 करोड़ घरों में नल से जल पहुंच रहा है।
- अप्रैल 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 95.15%गांवों में इंटरनेट के साथ 3जी, 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी हुई।
- नौ साल में 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर आए।
- 2011 के मुकाबले 2023 में रेल की अनारक्षित द्वितीय श्रेणीके यात्री 1.78% घटे। इस दौरान आबादी 14.98% बढ़ी।
महानगरों के पड़ोस में प्रवास बढ़ने के सबूत गाजियाबाद में गैर-कृषि भूमि का इस्तेमाल 12 साल के अंदर18.73% बढ़ा। यूपी में औसत वृद्धि 5.8% हुई। सैटेलाइट से रात की तस्वीरों में बिजली की चमक से गाजियाबाद और दिल्ली के पूर्वी व उत्तर पूर्वी जिलों से सटे इलाकों में अंतर नहीं दिखता।
ठाणे से मुंबई आने वाले यात्री 2012 में 21% थे, जो 2023 में 25% हो गए। लैंड यूज क्लासिफिकेशन आंकड़ों के हिसाब से गैर-कृषि भूमि की उपयोगिता का दायरा 31% बढ़ा, जबकि महाराष्ट्र में यह बढ़ोतरी 4.48% हुई है। ठाणे जिले की परिधि से लगा उप-नगरीय इलाका 45% बढ़ा, शहरी इलाका 33% बढ़ा है।
उत्तरी 24 परगना और दक्षिणी 24 परगना जिलों से कोलकाता आने वाले यात्री बढ़े हैं, जबकि अन्य जिलों से आवागमन घटा है।2012 में उत्तरी 24 परगना जिले का केवल 8.4% हिस्सा गैर-कृषि के रूप में उपयोग हो रहा था, लेकिन 2024 में शत-प्रतिशत इलाका इमारतों, सड़कों और रेल लाइनों के कब्जे में चला गया है।
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