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तमिलनाडु महिला मोर्चा की अध्यक्ष उमराथी राजन, भाजपा विधायक डॉ. सी. सरस्वती, खुशबू सुंदर और कई महिला सदस्यों को हिरासत में लिया गया।
चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग स्टूडेंट के रेप केस को लेकर आज भाजपा ने मदुरै से चेन्नई तक न्याय यात्रा निकाली। लेकिन पुलिस ने रैली को चेन्नई में रोक दिया और प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की सदस्यों को हिरासत में ले लिया।
भाजपा महिला नेताओं ने कहा कि वे पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और कई महिला नेताओं को घर में नजरबंद भी किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने X पर नजरबंद की गई महिला नेताओं की फोटो अपलोड कीं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की DMK के शासन में हिस्ट्रीशीटर और रेपिस्ट खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन न्याय की मांग करने वाली भाजपा नेताओं को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने लिखा- DMK सरकार अपने अत्याचार के आगे झुकाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता, उत्पीड़न की राख से उठकर तमिलनाडु के लोगों के लिए लड़ेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष ने DMK सरकार की आलोचना की।
मदुरै में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने कहा- DMK सरकार ने हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने लाल मिर्च को पीसने के लिए पारंपरिक चक्की का इस्तेमाल किया।
विरोध प्रदर्शन से जुड़ी फोटो
मदुरै में बड़ी संख्या में भाजपा महिला सदस्यों ने रेप पीड़िता के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया।
एक प्रदर्शनकारी महिला ने तमिल महाकाव्य सिलापथिकारम की मुख्य पात्र कन्नगी की तरह खुद को सजाया।
मदुरै में प्रदर्शन करती भाजपा की महिला कार्यकर्ता।
पूरा मामला क्या है 23 दिसंबर की रात 8 बजे अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की सेकेंड ईयर स्टूडेंट के साथ रेप हुआ था। यूनिवर्सिटी कैंपस के पास ही राजभवन और IIT मद्रास है, जो हाई-सिक्योरिटी जोन में आता है। पुलिस ने कैंपस में लगे CCTV फुटेज की जांच की और आरोपी ज्ञानशेखरन को गिरफ्तार किया। वह यूनिवर्सिटी के पास ही बिरयानी की दुकान लगाता है।
अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस- FIR में पीड़ित के कपड़ों पर कमेंट
इस केस में 28 दिसंबर को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। जस्टिस एस एम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की वेकेशन बेंच ने 2 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा था कि पुलिस की FIR में लिखा है कि पीड़िता ने ऐसे कपड़े पहने थे जिससे अपराध हो सके। इसके अलावा अन्य जो बातें लिखी हैं कि उसमें पीड़िता के सम्मान के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है।
पुलिस को थोड़ा संवेदनशील होने की जरूरत है। पीड़िता एक छात्रा है और उसकी उम्र केवल 19 साल है। क्या FIR दर्ज करने में पीड़िता की सहायता करना SHO का कर्तव्य नहीं है। FIR में ऐसी बातें लिखी हैं जैसी लड़के हॉस्टल में छुपकर पढ़ते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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