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गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक रिटायर्ड शिक्षक ने कमाल कर दिया है. जनपद के विकासखंड वजीरगंज कोठा ग्राम सभा के अक्षैबर सिंह सेवानिवृत होने के बाद खेती करना शुरू किया. इस समय वह पपीते की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं.

प्रगतिशील किसान अक्षैबर सिंह ने लोकल 18 से बताया कि उन्होंने B,Sc, बीएड करने के बाद शिक्षक की नौकरी मिल गई. 2022 में शिक्षक से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने 2 एकड़ में पपीते की खेती की शुरुआत की, जिससे उनका सालाना 10 से 15 लाख रुपए का टर्नओवर हो रहा है.

 जानें क्या है क्वालिफिकेशन

किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि बीएससी और B.Ed करने के बाद शिक्षक की नौकरी मिल गई 2022 में सेवानिवृत्त होने के बाद टेक्निकल खेती करना शुरू किया. अक्षैबर सिंह बताते हैं कि बाराबंकी जिले के रामनगर के इमरान की पपीते की खेती देखने के बाद था. वहीं, से प्रभावित होकर उन्होंने भी पपीते की खेती की शुरुआत की.

शुरू में 1 एकड़ में की पपीते की खेती

किसान अक्षैबर सिंह ने बताया कि वह शुरू में 1 एकड़ में पपीते की खेती से शुरुआत की. फिर धीरे-धीरे पपीते की खेती बढ़ाते गए. इस टाइम उन्होंने 2 एकड़ भूमि पर पपीते की खेती की हुई है. वह पपीते के पौधों को बाराबंकी जिले के रामनगर के इमरान के यहां से लाए हुए हैं.

जानें कब लगाएं पपीता के पौधे

किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि पपीते की खेती फरवरी और मार्च माह काफी अच्छी मानी जाती है. इस माह में पपीते का पौधा लगाया जाता है. 7 महीने बाद पपीता का पौधा फल देना शुरू कर देता है. किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि 2 एकड़ पपीते के खेती में सालाना 10 से 15 लाख रुपए का टर्नओवर हो रहा है.

जानें कौन से वैरायटी का है पपीता

किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि यह पपीता बीएनआर अमीन की वैरायटी का है. इस पपीते में 16% मिठास होता है. ग्राहकों को ज्यादा पसंद है. साथ ही बीएनआर वैरायटी के पपीते में फल भी अधिक लगते हैं. इससे अच्छी आमदनी भी होती है.

Tags: Agriculture, Gonda news, Local18, Success Story, UP news

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