• नए साल की पार्टी में गाजियाबाद में 8 व गौतमबुद्धनगर में हुई 14 करोड़ रुपए की कमाई
• सुबह से लेकर रात तक चलीं पार्टी, आबकारी विभाग की मुस्तैदी ने तोड़ा शराब तस्करों का दम
• आबकारी अधिकारियों की ठोस रणनीति ने कायम किया जिलों में अपना वर्चस्व
उदय भूमि
गाजियाबाद/ गौतमबुद्ध नगर। नए साल के उल्लास में गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर वालों पर बार, रेस्टोरेंट में काकटेल और शराब का खुमार पूरी रात चढ़ा। खुमार भी ऐसा कि नए साल के स्वागत और पुराने साल को विदा करने में करोड़ों की रुपए की शराब पी गए। रिकॉर्ड तोड़ हुई बिक्री से आबकारी विभाग की बल्ले-बल्ले हो गई। वहीं आबकारी विभाग ने पूरी मुस्तैदी के साथ साल के आखिरी दिन व्यवस्था संभाली। यही कारण है कि साल के जाते जाते शासन के खाते में जमकर धन की वर्षा हुई। 31 दिसंबर के दिन ही गौतमबुद्ध नगर में करीब 14 करोड़ और गाजियाबाद में करीब 8 करोड़ रुपये की आय हुई है। इसी तरह की स्थिति आने वाले एक सप्ताह तक रहने की उम्मीद की जा रही है। नए साल के स्वागत पर पर शराब तो खूब बिकी, लेकिन ड्रिंक एण्ड ड्राइव के मामले कम दर्ज हुए। नए साल के आगमन से पहले साल 2024 की अंतिम दिन और रात को लोगों ने जमकर जश्न मनाया। नए साल के जश्न में लोग डूबे हुए थे। नए साल के जश्न में लोगों ने जमकर जाम छलकाए। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में शराब की बिक्री से आबकारी विभाग उत्साहित है। नए साल के मौके पर गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की खपत किस कदर बढ़ रही है इसका अंदाजा राजस्व आंकड़ों से लगाया जा सकता है, कि गत वर्ष दिसंबर के अंतिम दिन से इस वर्ष अंतिम दिन ढाई गुना अधिक की बिक्री हुई है। वहीं सामान्य दिनों की अगर बात की जाए तो इसमें करीब 50 प्रतिशत से अधिक की बिक्री हुई है।
31 दिसंबर की सुबह 10 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ी रही। हर वर्ष नए साल का जश्न मनाने में शराब की खपत दोगुनी हो जाती है। साल 2025 का जश्न मनाने की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी। शराब गटकने वाले लोग सुबह से ही व्यवस्था में जुट गए थे। सुबह दस बजे दुकान खुलते ही शराब व बीयर लेने के लिए लोग पहुंचने लगे। प्रत्येक व्यक्ति जितनी शराब का सेवन रोज करता है, उससे दोगुना शराब व बीयर लोग डंप कर रहे थे। जिन लोगों ने ग्रुप में पार्टी आयोजित की थी, वे शराब व बीयर भरा गत्ता डंप कर रहे थे। आबकारी विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए जिले के आबकारी अधिकारियों के साथ आबकारी निरीक्षकों ने पूरी रात अपनी कार्यों को बखूबी अंजाम दिया। जहां एक तरफ ओवर रेटिंग की कोई भी शिकायत नहीं मिली, तो वहीं अवैध शराब तस्करी की भी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई। हर साल के अनुभव को देखते हुए लाइसेंस धारकों ने नए साल से एक सप्ताह पूर्व ही दुकान में शराब व बीयर का स्टाक फुल कर दिया था। नववर्ष के पर्व पर जिले में हुई अधिक कमाई की अगर बात की जाए तो यह भी सत्य है कि जिस तरह दोनों जिलों में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उसी का नतीजा है कि राजस्व में वृद्धि हुई है।
दिल्ली और हरियाणा से सटा होने और सबसे संवेदनशील दोनों जनपद हमेशा से ही जहा पहले शराब माफिया के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माने जाते थे, वहीं जिले अब उनके सबसे बड़ा खतरा साबित बनकर उभरे है। अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के साथ-साथ ऑकेजनल बार लाइसेंस लोगों को लेने के लिए जिस तरह से इस बार विभाग की ओर से जागरूकता की मुहिम चलाई गई, वह इस बार काफी असरदार साबित रही। 31 दिसंबर की शाम ढलते ही शराब की बोतल व बीयर की केन खुल गई। फिर डीजे की धुन पर-पी ले पी ले ओ मोरे राजा ओ मोरे जानी गीत पर लोग थिकरने लगे। रात 12 बजते ही लोग नए साल के जश्न में झूमने लगे। आबकारी विभाग के अनुसार अनुसार गाजियाबाद में करीब 8 करोड़ रुपये की शराब की खपत नए साल का जश्न मनाने में हुई। शहर के होटल, रेस्टोरेंट, मॉल और बार में देर रात तक जश्न चलता रहा। शहर की सोसायटियों में भी अपने-अपने तरीके से नववर्ष का जश्न मनाया गया। इस दौरान शहर में कई जगहों पर लाइव कंसर्ट का भी आयोजन किया गया। आबकारी विभाग के निर्देश पर सुबह 10 बजे से देर रात 11 बजे तक शराब की दुकान खुली रही। वही आबकारी विभाग के अनुसार अनुसार गौतमबुद्ध नगर में इस बार 14 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। जबकि गत वर्ष दिसंबर माह के अंतिम दिन 11 करोड़ रुपये का विभाग का राजस्व प्राप्त हुआ था। सामान्य दिनों की अपेक्षा से यह करीब ढाई गुना अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है।
देर रात तक आबकारी विभाग ने संभाला मोर्चा
आबकारी विभाग को पहले से ही उम्मीद थी कि साल के आखरी दिन दुकानें खुलते ही शराब खरीदने के लिए मारामारी मच सकती है। इसे देखते हुए विभाग ने सभी शराब दुकानों के सामने अपने स्टॉफ को तैनात कर दिया था। जो पूरी समय व्यवस्था संभालने के लिए लगे हुए थे। यही कारण है कि शराब दुकान के सामने कहीं हंगामा या विवाद की स्थिति नहीं बन पाई। वहीं अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए तैयार की गई आबकारी विभाग की रणनीति सार्थक साबित हुई। आबकारी विभाग की मुस्तैदी के चलते ही इस बार शराब माफिया अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर दिल्ली से सटा हुआ है। वहीं गौतमबुद्ध नगर का कुछ हिस्सा हरियाणा से भी सटा हुआ है। जिस कारण इन जिलों में बाहरी राज्यों की शराब तस्करी की संभावना ज्यादा रहती है। मगर आबकारी विभाग की स्पेशल टीम ने जिस तरह से शराब तस्करों के ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ-साथ सीमा में प्रवेश करने वाले द्वार पर अपना पहरा बढ़ाया, उसी का नतीजा है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिले में रिकॉर्डतोड़ शराब की बिक्री हुई है।
जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम का कहना है कि गाजियाबाद में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम की कार्रवाई का ही नतीजा है कि शराब की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई है। अगर गाजियाबाद में अवैध शराब की तस्करी होती तो शायद इस तरह की बिक्री होना संभव नहीं था। जिले में अवैध शराब के धंधे को समाप्त करने के साथ-साथ जिले की शराब की दुकानों पर भी आबकारी विभाग की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ था। प्रतिदिन जिले में करीब साढ़े चार करोड़ रुपए शराब की बिक्री होती है। जबकि 31 दिसंबर को करीब 8 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई। आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई करने के साथ-साथ राजस्व बढ़ोतरी बढ़ाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है। हर वर्ष पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया जा रहा है। साथ ही अवैध शराब के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हुए तस्करों पर जेल भेजने की कार्रवाई भी निरंतर जारी है।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अवैध शराब के चंगुल से गौतमबुद्ध नगर को मुक्त करने के लिए टीम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। नववर्ष को लेकर शराब की डिमांड बिक्री बढ़ जाती है और बाहरी राज्यों से भी शराब तस्करी की संभावना रहती है। बाहरी राज्यों से शराब तस्करी रोकने के लिए टीम द्वारा बेहतर प्रदर्शन किया गया है। जिस कारण ही 31 दिसंबर को करीब 14 करोड़ रुपए शराब की बिक्री हुई है। यह बिक्री आबकारी विभाग की टीम की मेहनत का नतीजा है। जिसके लिए सभी आबकारी निरीक्षक बधाई के पात्र है। टीम द्वारा दिल्ली व हरियाणा सीमा पर बैरिकेडिंग कर वाहनों की दिन रात चेकिंग की जा रही है। दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायत न मिले इसके लिए आबकारी विभाग की टीम ने पूरी तरह से मुस्तैद रही। शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ आबकारी विभाग लोगों के बीच में जाकर अवैध शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चला रहा है। लोगों की जागरूकता से ही अवैध शराब के कारोबारी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है।
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