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Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के अवसर पर उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (UPSTDC) ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक खास पेशकश की है. UPSTDC ने वॉक टूर कॉम्बो का आयोजन किया है, जिसमें 13 प्रमुख अखाड़ों, नागा साधुओं, अघोरी संप्रदाय और कल्पवासियों को करीब से जानने और देखने का अवसर मिलेगा. इस वॉक टूर का उद्देश्य महाकुंभ की धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता को एक नए और रोचक अंदाज में प्रस्तुत करना है.

महाकुंभ वॉक टूर की विशेषताएं

यह टूर हर दिन सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा और इसकी अवधि लगभग 5 घंटे की होगी. इसकी शुरुआत परेड ग्राउंड के टेंट कॉलोनी से होगी. टूर के दौरान प्रतिभागियों को वॉक एक्सपर्ट, मेले का नक्शा, एक प्रिंटेड हैंडआउट, इको-फ्रेंडली कैरी बैग और 1 बोतल मिनरल वॉटर उपलब्ध कराई जाएगी. 

अखाड़ों का परिचय

महाकुंभ के 13 प्रमुख अखाड़े हिंदू धर्म के विभिन्न संप्रदायों और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. ये अखाड़े आध्यात्मिकता, धर्म और संस्कृति के अनूठे संगम का परिचय देते हैं.

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  • श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा: भारत के सबसे पुराने और प्रमुख अखाड़ों में से एक, जो हिंदू सन्यासी परंपरा में अपनी विशेष पहचान रखता है. 
     
  • श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी: शैव संप्रदाय से संबंधित यह अखाड़ा एक सहस्राब्दी से अधिक पुराना है.  
  • श्री पंच अतल अखाड़ा: डशनामी सन्यास परंपरा का हिस्सा यह अखाड़ा 1400 वर्षों से आध्यात्मिक धरोहर को संजोए हुए है.
     
  • श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा: 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक, जो हिंदू धर्म की आध्यात्मिक संरचना में अपनी अहम भूमिका निभाता है.
  • श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती: शैव परंपरा का यह अखाड़ा सूर्यदेव की आराधना और अपने विशिष्ट स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है.
     
  • श्री पंचदशनाम आवहन अखाड़ा: 6वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित यह अखाड़ा काशी के दशाश्वमेध घाट पर स्थित है.
     
  • श्री पंचदशनाम अग्नि अखाड़ा: यह अखाड़ा अपने विशेष रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए जाना जाता है.
  • श्री दिगंबर अनी अखाड़ा: बैरागी वैष्णव संप्रदाय के तीन प्रमुख अखाड़ों में से एक, यह परंपराओं और रीति-रिवाजों में समृद्ध है. 
  • श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा: अयोध्या के हनुमानगढ़ी क्षेत्र में प्रभावी यह अखाड़ा संत अभयरामदास जी द्वारा स्थापित किया गया था. 
  • श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा: संत रामानंद द्वारा स्थापित यह अखाड़ा भगवान राम की भक्ति और साधु जीवन के लिए प्रसिद्ध है.
  • श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन: 1825 में हरिद्वार में स्थापित इस अखाड़े का उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार और सामाजिक कल्याण है.
  • श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन: 1913 में पंजीकृत यह अखाड़ा उदासीन संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करता है.
  • श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा: 19वीं सदी में पंजाब में स्थापित यह अखाड़ा सिख धर्म की परंपराओं को आगे बढ़ाता है. 

नागा साधु

नागा साधु अपनी कठिन तपस्या और सादगीपूर्ण जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं. ये साधु बिना कपड़ों के, शरीर पर भस्म लगाकर जीवन व्यतीत करते हैं. इनका रहन-सहन पूर्णत: आत्म-अनुशासन पर आधारित है. 

अघोरी संप्रदाय

अघोरी साधु अपनी भयानक दिखने वाली उपस्थिति और कठिन साधना के लिए जाने जाते हैं. ये भगवान शिव और दत्तात्रेय के उपासक होते हैं और श्मशान में साधना करते हैं. 

कल्पवासी

कल्पवासियों की परंपरा माघ मास के दौरान प्रयागराज के संगम पर आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक अनुशासन के लिए होती है. यह परंपरा वैदिक ग्रंथों में उल्लेखित है और इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व है.

टूर की कीमत और अन्य जानकारी

इस वॉक टूर की कीमत ₹3500 प्रति व्यक्ति है, जिसमें जीएसटी शामिल है. यह टूर न्यूनतम 5 व्यक्तियों के साथ संचालित किया जाएगा. स्नान पर्वों और अप्रत्याशित परिस्थितियों में टूर रद्द हो सकता है.

UPSTDC द्वारा पेश किया गया यह वॉक टूर कॉम्बो महाकुंभ की धार्मिकता और आध्यात्मिकता का एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है. अगर आप महाकुंभ के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को करीब से जानना चाहते हैं, तो यह टूर आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है.

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