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बलिया. हौसला बुलंद हो तो आदमी क्या नहीं कर सकता है. बलिया निवासी एक मजदूर के बेटे ने इसे सच कर दिखाया है. तमाम विपरीत परिस्थितियों को मात देते हुए वो न केवल स्काउट गाइड का जिला काउंसलर बना, बल्कि उसने राज्यपाल पुरस्कार भी हासिल कर लिया. हम बात कर रहे हैं बेल्थरा रोड बलिया के रहने वाले अब्दुल माजिद की.

स्काउट गाइड के जिला काउंसलर अब्दुल माजिद बताते हैं कि उनके पिता का नाम मो. सैद अंसारी है. माजिद ने अपने गांव के जीएमएएम इंटर कॉलेज पढ़ाई की है. उसी दौरान माजिद ने भारत स्काउट को ज्वाइन कर लिया.

मिलेंगे ऐसे-ऐसे लाभ
माजिद के पिता मजदूर हैं. उनकी दिहाड़ी से ही परिवार का भरण-पोषण चलता रहा है. इन कठिन परिस्थितियों में भी माजिद ने हार नहीं मानी. कर्म करते गए जिसका नतीजा उन्हें अब मिल रहा है. माजिद को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. यह पुरस्कार पाने वाला रेलवे की नौकरी, प्रवेश परीक्षा, रोडवेज में भर्ती और विश्वविद्यालय में अच्छे नंबरों से छूट जैसे तमाम लाभ ले सकता है. फिलहाल माजिद स्काउट गाइड में जिला काउंसलर के पद पर कार्य कर रहे हैं.

क्या है स्काउट और गाइड
अगर किसी क्षेत्र में कोई बड़ी आपदा आ जाए तो उससे कैसे निपटा जाए, स्काउट गाइड बच्चों को इसकी ट्रेनिंग देता है. इसका आदर्श वाक्य है “तैयार रहो”. स्काउट की शुरुआत भारत में 1909 में और गाइड की शुरुआत 1911 में हुई थी. स्काउट और गाइड का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में अच्छी नागरिकता के गुण का विकास करना है. इनकी वर्दी आधिकारिक होती है, जिसमें स्टील ग्रे शर्ट, दो पैच पॉकेट, कंधे की पट्टिया, आस्तीनें, नेवी ब्लू शॉर्ट्स या ट्राउजर (राष्ट्रपति कार्यक्रम के समय ट्राउजर अनिवार्य) शामिल हैं.

Tags: Ballia news, Local18, Success Story

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