1.5-2 लाख आराम से रहे हैं किसान
शिमला मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं. जल निकासी भी बेहतर हो तो शिमला मिर्च की खेती से अच्छी उपज मिलती है. जनपद बाराबंकी के मजीठा गांव के रहने वाले किसान अकबर अली पारंपरिक खेती के साथ-साथ शिमला मिर्च की खेती शुरुआत की. इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब दो बीघे में शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें डेढ़ से दो लाख रुपए तक एक फसल पर मुनाफा हो रहा है.
लागत-मेहनत नहीं ज्यादा
शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान अकबर अली ने लोकल 18 से बातचीत में कहा, ‘वैसे तो मैं ज्यादातर सब्जियों की खेती करता हूं. जिसमें बैंगन, फूलगोभी, करेला, टमाटर और शिमला मिर्च आदि है. इस समय हमारे पास करीब 2 बीघे में शिमला मिर्च लगा है जिसमें लागत करीब एक बीघे में 20 हजार रुपये आती है. इसमें बीज कीटनाशक दवाइयां पानी लेबर आदि का खर्च आता है. वही मुनाफा करीब एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपए तक हो जाता है.’
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कैसे होती है शिमला मिर्च की खेती
इसकी खेती करना बहुत आसान है. पहले हम इसके बीज लाते हैं. फिर उसकी नर्सरी तैयार करते हैं. फिर खेत की गहरी जुताई कर गोबर की खाद आदि डालकर खेत तैयार करते हैं. फिर पूरे खेत में हम मेड बनाकर उसे पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मिर्च के पौधे को लगाया जाता है. उसकी तुरंत सिंचाई कर दी जाती है. जब पेड़ थोड़ा बड़े होने लगते हैं फिर इसमें हम कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना होता है. बस इसकी थोड़ी बहुत देखरेख करनी पड़ती है. पौधा लगाने के महज 60 से 65 दिन बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है जिसे हम बाजारों में बेच सकते हैं.
Tags: Agriculture, Local18, UP news
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