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Jadi Buti Kaise Banti Hai:  बहुत से लोग इलाज के लिए सिर्फ दवाएं ही नहीं खाते. आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की भी मदद लेते हैं. यूपी के गोंडा में तो एक गांव ऐसा है जहां बंपर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी तैयार की जाती है. यह जड़ी बूटी बहुत खास होती हैं. हम बात कर रहे हैं गोंडा जिले के विकासखंड इटियाथोक के जयप्रभा गांव की. आइए जानते हैं कैसे इस गांव में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को तैयार किया जाता है.

लोकल 18 से बातचीत के दौरान वैद्य नंदू प्रसाद बताते हैं कि हमारे यहां अधिकांश जड़ी बूटी पैदा की जाती है और जो जड़ी बूटी नहीं होती है उसको मंगाया जाता है और फिर अपने हाथों से तैयार किया जाता है.

कैसे तैयार की जाता है जड़ी बूटी
जड़ी बूटी के फायदे तो आपने बहुत सुने होंगे. लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि जड़ी बूटी तैयार कैसे होती है? नंदू प्रसाद बताते हैं कि जड़ी बूटी तैयार करने के लिए किसी भी प्रकार के मशीन का प्रयोग नहीं किया जाता है. मैन्युअल अपने हाथों से ही सारी जड़ी बूटियां तैयार की जाती है. कई तरह की प्रोसेस और लंबे समय की मेहनत के बाद जाकर जड़ी बूटी तैयार होती है.

कहां मिलती है जड़ी बूटी
नंदू बताते हैं कि लगभग 100 प्रकार की जड़ी बूटी हमारे यहां मिलती है और जो जड़ी बूटी नहीं मिल पाती है उसको बाहर से मंगवाया जाता है. नंदू बताते हैं कि आयुर्वेदिक जड़ी बूटी तैयार करने के लिए जयप्रभा ग्राम के दीनदयाल शोध संस्थान में रसशाला में जड़ी बूटी बनाई जाती है.

नानाजी देशमुख की परिकल्पना थी कि हम लोग एक नमूने के तौर पर वनस्पतियां संग्रह करके एक गार्डन बनाएं. उन्होंने ऐसा इसलिए सोचा था कि धीरे-धीरे लोग आयुर्वेदिक को जान नहीं पाएंगे. इसीलिए इस परिकल्पना के जरिए आजकल के बच्चे इस चीज को जान पाएंगे कि यह कौन सा पौधा है. 15 गांव में चल रहा है दादी मां बटुआ की योजना इस योजना में हर गांव में एक कार्यकर्ता है, जो आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की गार्डन लगवाते हैं और लोगों को जड़ी बूटी के बारे में बताते हैं.

FIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 10:01 IST

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