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नई दिल्ली. एक वक्त था जब भारत 5 स्पेशलिस्ट गेंदबाजों के साथ टेस्ट मैचों में उतरता था. टीम ने इस कॉम्बिनेशन के साथ इंग्लैंड से लेकर दक्षिण अफ्रीका में मैच भी जीते. लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया 4 गेंदबाज और एक बैटिंग ऑलराउंडर के साथ उतर रही है. इसके बावजूद वह 6 में से 3 पारियों में 200 रन के भीतर सिमट चुकी है. भारत ऑस्ट्रेलिया एक मैच जीता, एक हारा और एक ड्रॉ रहा. भारत की हार की वजह खराब बैटिंग के साथ-साथ गेंदबाजी की कमजोरी भी रही. बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल ने माना कि 30वें से 50वें ओवर तक की गेंदबाजी कमजोर कड़ी साबित हो रही है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या रोहित शर्मा बैटिंग ऑलराउंडर की जगह चौथा पेसर चुनने की हिम्मत दिखाएंगे.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाना है. भारत ने यहां पिछले 2 मैच जीते हैं और एक ड्रॉ कराया है. ऑस्ट्रेलिया यहां भारत को 10 साल से नहीं हरा पाया है. ऐसे में यादें भारत के साथ हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि यह बात पिच पर भी लागू हो. एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) की पिच में अच्छी घास है. यह वैसे ही पिच है, जैसे पिछले सालों में रही है. ऐसी पिच जिसमें तेज गेंदबाजों के लिए हमेशा मदद रहती है.

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नीतीश ने 3 मैच में 27 ओवर बॉलिंग की
भारतीय गेंदबाजी लाइनअप में अभी 3 स्पेशलिस्ट बॉलर और 2 बैटिंग ऑलराउंडर हैं. नीतीश कुमार रेड्डी ने जिस अंदाज में बैटिंग की है, उससे साफ है कि उनमें स्पेशलिस्ट बैटर बनने का माद्दा है. उन्होंने भारतीय बैटिंग को बार-बार मुश्किलों से निकाला है. लेकिन यह बात भी सच है कि उनकी बॉलिंग ऐसी नहीं है कि उन्हें चौथे पेसर के रूप में इस्तेमाल किया जा सके. भारत ने इस दौरे पर 336 ओवर बॉलिंग की है, जिसमें से नीतीश रेड्डी ने सिर्फ 27 ओवर किए हैं. उन्होंने इन ओवरों में 4.55 की औसत से रन दिए और 3 विकेट झटके.

जडेजा का विदेश में बैटिंग रिकॉर्ड बेहतरीन
दूसरे ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा हैं. उनकी काबिलियत पर शायद ही किसी को शक हो. जडेजा पिछले 4 साल में विदेशों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बैटर्स में भी शुमार हैं. लेकिन उन्हें उस तरीके का खतरनाक या मैचविनर बॉलर कभी नहीं माना गया जैसा रविचंद्रन अश्विन को माना गया. यह भी संभव है कि अगर टीम को एक स्पिनर (बैटिंग ऑलराउंडर नहीं) के साथ जाना पड़े तो वह जडेजा की जगह वॉशिंगटन सुंदर के साथ जाए. इसके बावजूद कि उनके नाम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 85 विकेट हैं.

प्रसिद्ध कृष्णा की दावेदारी मजबूत
30वें से 50वें ओवर के बीच कमजोर पड़ रही गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए भारत को एक बॉलिंग ऑलराउंडर (वॉशिंगटन सुंदर) या एक पेसर की जरूरत है. यह पेसर प्रसिद्ध कृष्णा हो सकते हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही मेलबर्न में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 विकेट लिए थे. प्रसिद्ध कृष्णा सीम बॉलर हैं और एमसीजी में ऐसे गेंदबाजों के लिए मदद बनी रहेगी.

रोहित शर्मा को लेना होगा कड़ा फैसला
अब यह फैसला कप्तान रोहित शर्मा को लेना है कि वे गेंदबाजी को मजबूत करने के बारे में सोचेंगे या ढीली पड़ी बैटिंग की मदद के लिए नीतीश रेड्डी के साथ जाएंगे. बैटिंग की बात करें तो ना सिर्फ रोहित रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि विराट कोहली और यशस्वी जायसवाल भी शतक बनाने के बाद बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं. शुभमन गिल शुरुआत अच्छी कर रहे हैं, लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. ले-देकर भरोसा दो बैटर्स पर ही जगता है. पहला केएल राहुल और दूसरा रवींद्र जडेजा. तीसरे अतरंगी ऋषभ पंत है, जिनकी बैटिंग से उम्मीद तो की जा सकती है, लेकिन भरोसा करना भारी पड़ सकता है.

Tags: India vs Australia, Nitish Kumar Reddy, Prasidh krishna

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