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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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पूजा  पर परीक्षा में धोखाधड़ी और अवैध रूप से OBC और विकलांगता कोटे का लाभ लेने का आरोप है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व IAS पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। पूजा पर UPSC एग्जाम में धोखाधड़ी और अवैध रूप से OBC और विकलांगता कोटे का लाभ लेने का आरोप है।

UPSC की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया था। पूजा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जस्टिस चंदर धारी सिंह की बेंच ने 27 नवंबर को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि पूजा पर लगे आरोप गंभीर हैं। पूरी साजिश का खुलासा करने और इसमें अन्य लोगों के शामिल होने की पुष्टि के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।

UPSC ने मामला वापस लिया, नया केस दायर करेगी इस बीच UPSC ने झूठी गवाही का केस वापस ले लिया और कहा कि वह अलग से केस दायर करेगा। UPSC ने पूजा पर जस्टिस सिस्टम में हेरफेर की कोशिश करने और गलत हलफनामा देकर झूठी गवाही देने का आरोप लगाया है।

UPSC ने कहा- यह दावा कि आयोग ने उनके बायोमेट्रिक्स इकट्ठे किए, पूरी तरह से झूठा है। यह अपने फेवर में ऑर्डर लेने के लिए कोर्ट को धोखा देने के उद्देश्य से किया गया था।

इस दावे को खारिज किया जाता है क्योंकि आयोग ने उनके निजी परीक्षण के दौरान कोई बायोमेट्रिक डेटा (आंखों और उंगलियों के निशान) नहीं लिया और न ही इसके आधार पर वैरिफिकेशन की कोशिश की। आयोग ने अब तक किसी भी उम्मीदवार का बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया है।

हाल ही में UPSC ने पूजा के खिलाफ दायर FIR में आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी याचिका में गलत दावा किया है कि उन्हें उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का उन्हें कोई आदेश नहीं दिया गया था। UPSC ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के बारे में उनकी रजिस्टर्ड मेल आईडी पर सूचित किया गया था, इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट के सामने झूठा दावा किया।

जानिए, पूजा का फर्जीवाड़ा सामने कैसे सामने आया…

पूजा अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है।

पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग ले रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।

पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई तो कई खुलासे हुए।

विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े 4 विवाद

  • विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
  • सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
  • विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
  • पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया।
  • यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने साफ कर दिया है कि पूजा खेडकर का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई। सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी। अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है।
  • पूजा ने UPSC को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है। पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था, जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है।
  • कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था।

पूजा पर OBC कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप पूजा पर माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप लगा है। पूजा के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव भी लड़ा था। एफिडेविट में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी। पूजा ने परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी।

पूजा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने माता-पिता के तलाक का दावा किया है। उनके पिता अब उनके साथ नहीं रहते, इसलिए वे अब OBC नॉन-क्रीमी लेयर के दायरे में आती हैं। पुणे पुलिस के मुताबिक, UPSC ने पूजा के माता-पिता की मैरिटल स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

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पूजा ने साल 2023 में जॉइनिंग से पहले सरकार को दिए अपनी अचल संपत्ति के ब्योरे में बताया कि उन्होंने 2015 में पुणे के म्हालुंगे में 2 प्लॉट खरीदे। इसमें उन्होंने एक प्लॉट 42 लाख 25 हजार रुपए और दूसरा प्लॉट 43 लाख 50 हजार रुपए में खरीदा। अभी दोनों प्लॉट की मार्केट वैल्यू 6 से 8 करोड़ रुपए के बीच है। पूरी खबर पढ़ें…

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