मान्यता है कि ब्रिटिश शासन काल में रेवतीपुर गांव में अकाल पड़ा था और अंग्रेज़ों ने गांव पर लगान में कोई कमी नहीं की थी. गांव वालों के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना की. इसके बाद मां भगवती ने एक बूढ़ी औरत का रूप धारण कर अंग्रेज़ों के पास जाकर लगान भर दिया. यही कारण है कि नवरात्रि के दौरान यहां पर बड़ी संख्या में लोग मां भगवती की दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि जो भक्त यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
वहीं मंदिर के सेवादार ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि दुर्गा माता का यह मंदिर प्राचीन और काफी चमत्कारी है. माता दुर्गा के आशीर्वाद से गांव में बेहद सुख शांति बनी रहती है और कोई भी यहां दर्शन के लिए आता है, तो माता उनके मनोरथ जरूर पूरी करती हैं. माता दुर्गा का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. लोगों की जब मनोकामना पूरी होती है, तो वह यहां भंडारा कराते हैं. आपको बता दें कि यह मंदिर सोनभद्र नगर मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. गांव में होने के चलते मंदिर से कुछ दूरी तक बस तक की सुविधा है. मंदिर तक जाना निजी साधन या आटो बेहतर संसाधन है. राबर्ट्सगंज तक आने के लिए रेल और बस मार्ग दोनों विकल्प है. वहां से 15 किलोमीटर दूर आपको आने -जाने में असुविधा हो सकती है. ठहरने और भोजन के लिए आपको राबर्ट्सगंज में ही कई कम कीमतों में होटल मिल जाएंगे. इसके साथ ही लग्जरी होटल भी यहां उपलब्ध हैं. यहां आप रात्रि विश्राम के बाद जनपद के अन्य स्थानों पर भी घूम सकते हैं.
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