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हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश की अस्थियां लेकर उनके पोते कर्ण और अर्जुन चौटाला रविवार को हरिद्वार रवाना हुए थे।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री आज सिरसा में तेजा खेड़ा फार्म हाउस पहुंचेंगे। वह यहां हेलिकॉप्टर से आएंगे। हालांकि वह किस टाइम पहुंचेंगे, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

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उधर, पोते कर्ण और अर्जुन चौटाला दादा ओपी चौटाला की अस्थियां लेकर रविवार को हरिद्वार रवाना हुए। वह आज गंगा में दादा की अस्थियां प्रवाहित करेंगे।

ओपी चौटाला (89) का गुरुग्राम में 20 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सिरसा में तेजा खेड़ा फार्म हाउस लाया गया। जहां 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की अस्थियां इकट्‌ठा करते हुए उनके पोते कर्ण और अर्जुन चौटाला।

शोक जताने तेजा खेड़ा पहुंच रहे नेता चौटाला के निधन के बाद नेताओं के साथ लोग तेजा खेड़ा में शोक जताने पहुंच रहे हैं। रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, यारी इंटरनेशल संस्था के चेयरमैन रणबीर सिंह लोहान, पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख शोक जताने पहुंचे और चौटाला परिवार का ढांढस बंधाया।

गुर्जर बोले- ओपी चौटाला का जाना अपूरणीय क्षति केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला का हरियाणा की राजनीति और समाज में योगदान अद्वितीय रहा है। उनका जाना राज्य और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने रविवार को सिरसा में तेजा खेड़ा फार्म हाउस पहुंचकर पूर्व CM ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि दी।

चौटाला पर 2 पुस्तकें आएंगी ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी जिंदगी के लम्हों को डायरी में दर्ज किया है। इसमें राजनीतिक सफर से लेकर उतार-चढ़ाव के दिनों का विस्तार से उल्लेख है। अब इन डायरियों में दर्ज उनके जीवन का सफर लिखित में लोगों के सामने आएगा। उनकी ऐसी अनेक डायरियां हैं, जिनमें उन्होंने जीवन के हर छोटे-बड़े लम्हे को जगह दी है। उनकी 2 पुस्तकें आत्मकथा और विदेश यात्रा लगभग तैयार हैं, जो जल्द प्रकाशित होंगी। चौटाला अपनी आत्मकथा खुद पढ़ पाते, इससे पहले जीवन यात्रा पूरी कर ली।

चौटाला हर दिन उर्दू में डायरी लिखते थे। ऐसी उनकी कई डायरियां रखी हुई हैं। वे चाहे सरकार में रहे या फिर विपक्ष में, लेकिन हर दिन की घटना लिखना नहीं भूलते थे। उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनकी आत्मकथा के नाम से पुस्तक प्रकाशित कराई जाए। उर्दू में लिखी डायरियों का हिंदी में अनुवाद कराया जा चुका है।

इसके अलावा उनकी दूसरी पुस्तक “मेरी विदेश यात्रा’ पर भी काम चल रहा है। ओमप्रकाश चौटाला ने लगभग 119 देशों की यात्रा की है।

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ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में

हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को होगी। सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में यह सभा सुबह 11 बजे शुरू होगी। ओपी चौटाला का 20 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हो गया था। पूरी खबर पढ़ें…

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