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लखीमपुर खीरी: यूपी का सबसे बड़ा जंगल और दो जिलों तक फैली सीमाएं. हर तरफ हरियाली मगर अफसोस यहां के गैंडों को खुले जंगल में चहलकदमी करने की आजादी नहीं थी, वे ऊर्जा संचालित एक बाड़े में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनको इस बाड़े से बाहर आने में 40 साल का वक्त लग गया. अब उनकी आजादी पर मुहर लग गई है.

खुले में घूम सकेंगे तीन गैंडे

अब तीन‌ गैंडों को खुला में छोड़ दिया गया है, जिसको लेकर लोकल 18 की टीम ने मुख्य वन संरक्षक अधिकारी लखीमपुर ललित कुमार वर्मा से खास बातचीत की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय करीब 45 के आसपास गैंडों की संख्या है, जिसमें से तीन को आजाद कर दिया गया है. अब वह खुले में घूम सकेंगे और दुधवा नेशनल पार्क वाले आने वाले सैलानियों को भी दिखाई दे सकते हैं.

रेडियो कॉलर से होगी निगरानी 

दुधवा नेशनल पार्क में तीन गैंडों को शुरुआती दौर में जंगल में छोड़ा गया है. छोड़े गए गैंडों की विधिवत निगरानी किए जाने की जरूरत है. इसके लिए गैंडों को रेडियो कॉलर लगाया गया है. दुधवा पार्क प्रशासन ने इन गैंडों को इसलिए छोड़ा है कि यह बाड़े से बाहर जंगल में घूमें.

इनके नाम हैं

यहां करीब 45 के आसपास गैंडों की संख्या है, जिसमें से तीन गैंडों को कई किलोमीटर दूर ले जाकर दुधवा के जंगल में छोड़ा गया. इसमें नर गैंडा रघू और मादा गैंडा विजयश्री व दीपाली शामिल हैं.

दुधवा पार्क प्रशासन ने इन गैंडों के खुले जंगल में छोड़ने से पहले इनके गले में जीपीएस लगाया था, जिससे इनकी लोकेशन ट्रेस होती रहे. इससे इनकी लगातार निगरानी भी हो रही है.

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