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School Fee: प्राइवेट स्कूल अब फीस को लेकर मनमानी नहीं कर सकती है. भोपाल में निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. इसके तहत ट्रांसपोर्ट फीस पर बड़ा बदलाव किया गया है. अब कोई भी निजी स्कूल परिवहन शुल्क को अलग से वसूल नहीं कर सकेगा. ट्रांसपोर्ट फीस को स्कूल की सालाना फीस का ही हिस्सा माना जाएगा. स्कूल फीस में ट्यूशन फीस, लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर, कॉशन मनी और एडमिशन फीस भी शामिल होगी. अलग से किसी अतिरिक्त शुल्क की अनुमति नहीं दी जाएगी.

फीस वृद्धि के लिए नया नियम
निजी स्कूलों को 15% से अधिक फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की अनुमति अनिवार्य होगी. राज्य सरकार ने निजी विद्यालयों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए नए नियम बनाए हैं. जिन स्कूलों की सालाना फीस 25,000 रुपये या इससे कम है, वे इन नए नियमों के दायरे में नहीं आएंगे. ऐसे स्कूलों को फीस बढ़ोतरी के लिए जिला समिति की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

राज्य स्तरीय समिति का गठन
15% से अधिक फीस वृद्धि से संबंधित अपील के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन होगा. समिति की अध्यक्षता राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री करेंगे. निजी विद्यालय अधिनियम-2024 में संशोधन को लेकर सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया. इसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा.

प्रदेश में 34,652 निजी स्कूल
मध्य प्रदेश में करीब 34,652 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 16,000 स्कूलों की सालाना फीस 25,000 रुपये या इससे कम है. सरकार का यह कदम निजी स्कूलों में फीस से जुड़े विवादों को सुलझाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल है.

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Tags: Education news, Private School

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