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दादी-नानी से आपने कई कहानियां सुनी होंगी. इन कहानियों को सुनकर ऐसा लगता है कि क्या सच में भी कुछ ऐसा होता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो गोंडा के चमत्कारी पेड़ के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.

लोकल 18 से बातचीत के दौरान पासक के अमित कुमार सैनी बताया कि यहां बरगद का पेड़ लगभग 1000 वर्ष पुराना है. इस बरगद के पेड़ की यह मान्यता है कि जिनके आंखों में किसी भी प्रकार की कई समस्या होती है, वो यहां से आकर बरगद के पेड़ से दूध ले जा सकते हैं. ऐसा करने लोगों की आंखों में जो भी परेशानी होती है वो दूर हो जाती है.

1000 साल पुराना है पेड़
उमरी बेगमगंज के निवासी अनिल कुमार सिंह बताते हैं कि दुर्गा सरस्वती के 34वें अध्याय में लिखा है कि आयु रक्षक बाराही. उन्होंने बताया कि एशिया का सबसे पुराना वट वृक्ष है. सबसे बड़ी बात ये भी है कि ये पेड़ लगभग 1 एकड़ में फैला हुआ है.

मन्नत मांगने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग
अमित बताते हैं कि यहां पर उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे भी प्रदेश के लोग आते हैं जिनकी आंखों में समस्या होती है. वह आकर यहां से बरगद का दूध ले जाकर आंखों में सुबह शाम डालते हैं और फिर आंख ठीक हो जाती है तो यहां आकर दर्शन करते आते हैं. इस बरगद के पेड़ पर मन्नत मांग चुनरी बांधी जाती है. यहां लोग अपने लिए या अपने बच्चों के लिए दूर-दूर से मन्नत मांगने के लिए आते हैं.

पेड़ के पास लगी रहती है भीड़
आमतौर पर आपको मंदिर के आसपास भक्तों की भीड़ दिखाई देगी. लेकिन गोंडा के लोग अक्सर इस पेड़ के आसपास ही दिखाई देते हैं. कई लोगों का दावा है कि यहां मन्नत मांगने पर उनकी आंखें ठीक हुई हैं. इसी वजह से लोग इसे चमत्कारी बताते हैं.

नोट – इस आर्टिकल में लिखी गई जानकारी की लोकल 18 पुष्टि नहीं करता. सारी जानकारी लोकल लोगों से बात करके लिखी गई है.

Tags: Ajab Gajab, Gonda news, Local18

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