लखीमपुर खीरी: लखीमपुर जनपद में किसान अब अपनी आय को दोगुनी करने के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं यदुनंदन सिंह पुजारी. वे बीते 15 वर्षों से लगातार स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. बता दें कि सर्दियों के मौसम में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाती है और बाजारों में स्ट्रॉबेरी की डिमांड अधिक रहती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. आमतौर पर, इसकी बुआई सितंबर और अक्टूबर में की जाती है. स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए जमीन की मिट्टी बलुई-दोमट होनी चाहिए.
पारंपरिक फसल नहीं करते किसान
पारंपरिक फसलों की खेती अब धीरे-धीरे नगदी फसलों की ओर बदल रही है, जिसमें फल की बागवानी खासतौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है. इस बदलाव से किसानों की कमाई में भी बढ़ोतरी हो रही है. दरअसल पारंपरिक फसलों की तुलना में नकदी की फसलों में मुनाफा अच्छा होता है और कम समय में फायदा मिलता है. इसलिए किसान अब इस ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं.
हो रही है अच्छी कमाई
बाकेगंज के रहने वाले किसान यदुनंदन सिंह पुजारी ने लोकल 18 से बातचीत करने के दौरान बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने से हमें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पास तीन बीघा में स्ट्रॉबेरी लगी हुई है. ये जनवरी माह के प्रथम सप्ताह से फल देने लगेगी. वे आगे बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी के पौधे पुणे से मंगवाए जाते हैं और ये बलुई दोमट मिट्टी में लगाए जाते हैं. उनके पास करीब 1500 पौधे स्ट्रॉबेरी के तीन बीघा में लगे हुए हैं.
मिलता है कई गुना मुनाफा
स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है. इस फल की कीमत 400 रुपये प्रति किलो तक मिलती है. इसकी अधिक बिक्री के कारण किसान लागत से 3-4 गुना अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. यही वजह है कि अब किसान स्ट्रॉबेरी की खेती की तरफ मुड़ रहे हैं. वे पारंपरिक खेती की जगह नकदी की खेती करना चाहते हैं.
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||