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नई दिल्ली35 मिनट पहले

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सिविल सोसायटी ने चाणक्यपुरी तक विरोध मार्च निकाला।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। जम्मू-कश्मीर, नई दिल्ली, मुंबई, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों में लोग रैलियां निकाल रहे हैं।

इधर दिल्ली में मंगलवार को बांग्लादेश हाईकमीशन के बाहर RSS समेत कई संगठनों प्रदर्शन और नारेबाजी की। सिविल सोसाइटी ने चाणक्यपुरी में विरोध मार्च निकाला। हालांकि इससे पहले बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

प्रदर्शन का नेतृत्व साध्वी ऋतंभरा ज्योति ने किया। उनके अलावा इस्कॉन के सदस्यों ने भी कीर्तन करते हुए विरोध मार्च निकाला और हिंदुओं समेत चिन्मय दास पर हो रहे अत्याचारों पर एक्शन की मांग रखी।

बांग्लादेश की 17 करोड़ आबादी में करीब 8% फीसदी हिंदू हैं। 5 अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश के 50 से ज्यादा जिलों में हिंदुओं पर 200 से ज्यादा हिंसक हमले हो चुके हैं।

देशभर में हुए प्रदर्शन की तस्वीरें…

देहरादून: हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध के दौरान एक प्रदर्शनकारी रावण के रूप में नजर आया।

अहमदाबाद : हिंदू संगठनों और अन्य संगठनों के सदस्यों ने मिलकर अत्याचार के खिलाफ रैली निकाली।

रांची : बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हिंदू संगठनों के सदस्यों ने रैली निकाली।

चंडीगढ: सेक्टर 17 में लोगों ने प्रदर्शन किया। लोग तख्तियां लेकर हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

अब तक इन राज्यों में इन तरीकों से हुआ बांग्लादेश का विरोध…

त्रिपुरा- होटल अस्पतालों में बांग्लादेशियों की एंट्री बैन

त्रिपुरा के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों के एसोसिएशन ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (ATHROA) ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में बांग्लादेशी यात्रियों को अपने यहां खाना और कमरा न देने का फैसला लिया है। त्रिपुरा में अगरतला में ILS अस्पताल प्रबंधन ने भी बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला किया।

पिछले दिनों अगरतला में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर रैली निकाली गई थी। इस दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन परिसर में घुस गए थे।

बंगाल – अस्पतालों का इलाज से इंकार, घुसपैठियों पर नजर

कोलकाता के जेएन रे अस्पताल के सुभ्रांशु भक्त ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज न करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि बांग्लादेश में तिरंगे का अपमान हो रहा है। भारत ने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई, इसके बावजूद बांग्लादेशियों में भारत विरोधी भावनाएं दिख रही हैं। इधर, राज्य सरकार ने भी बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है।

महाराष्ट्र – अवैध रूप से रह रहीं 5 बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में अवैध रूप से रहने के आरोप में पांच बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने सोमवार को भिवंडी इलाके में एक चॉल में छापा मारकर इन महिलाओं को पकड़ा। इनकी उम्र 36 से 50 साल के बीच है। ये सभी भारत में रहने के लिए कोई वैलिड डॉक्यूमेंट नहीं दिखा सकीं।

कैसे शुरू हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले

बांग्लादेश में 5 अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। कई हिंदू मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। इस्कॉन के पूर्व प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हिंसा हुई। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर लगे नेशनल फ्लैग के ऊपर भगवा ध्वज फहराने और देशद्रोह के आरोप हैं। ध्वज पर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था।

26 नवंबर को चिन्मय की चटगांव कोर्ट में पेशी के समय कोर्ट परिसर में हंगामा हुआ। इसी दौरान एक वकील की मौत हो गई। इसके बाद से हिंसा जारी है।

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बांग्लादेशी हिंदू बोले- भारत की जेल मंजूर, लौटेंगे नहीं

बांग्लादेश में 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। बांग्लादेश में खतरे के चलते हिंदू आबादी बड़ी तादाद में देश छोड़कर त्रिपुरा के जरिए भारत में अवैध तरीके से घुस रही है। ​​​​उनका कहना है कि वे भारत की जेल में रह लेंगे, लेकिन वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर…

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