चित्रकूट में भगवान राम, सीता, और भाई लक्ष्मण ने कंदमूल खाकर अपना जीवन व्यतीत किया था. इसे खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती थी. कंदमूल खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता था और ऊर्जा मिलती थी. श्री राम ने यह फल ऋषि मुनियों का प्रसाद समझकर ग्रहण किया था ताकि उनको राक्षसों का वध करने की शक्ति आ सके.
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