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नई दिल्ली (JEE, NEET 2025). हर साल 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स जेईई और नीट परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं. उनमें से कुछ हजार ही इन परीक्षाओं में सफल होकर टॉप इंजीनियरिंग या मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हासिल कर पाते हैं (Medical College). 12वीं बोर्ड परीक्षा के साथ किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं होता है. इसीलिए कई स्टूडेंट्स पहले अटेंप्ट में असफल होने के बाद 1 साल का गैप लेकर जेईई, नीट परीक्षा की तैयारी करते हैं.

लाखों स्टूडेंट्स हर साल इसी असमंजस से जूझते हैं कि 12वीं के बाद 1 साल का गैप लें या नहीं. यह फैसला आसान नहीं होता है. इस एक फैसले पर उनका पूरा भविष्य टिका होता है. कई स्टूडेंट्स 1 साल के गैप ईयर में किसी कॉलेज के बीएससी या अन्य कोर्स में एडमिशन ले लेते हैं. 12वीं के बाद गैप ईयर लेने के कई फायदे और नुकसान होते हैं (Gap Year Advantages and Disadvantages). इसके लिए अपने घर की फाइनेंशियल स्थिति व कई अन्य बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

Gap Year Advantages: 12वीं के बाद गैप ईयर के फायदे
स्कूल एजुकेशन में 12वीं बोर्ड परीक्षा का बहुत महत्व होता है. उस समय के लिए वह सबसे बड़ी परीक्षा होती है. उसके साथ जेईई, नीट परीक्षा की तैयारी करना मुश्किल होता है (Competitive Exams after 12th). जेईई परीक्षा अक्सर प्री बोर्ड के आस-पास या बोर्ड परीक्षा से पहले शेड्यूल की जाती है (JEE 2025 Date). कई छात्र इस प्रेशर को हैंडल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में उनके लिए 1 साल का गैप लेना बहुत फायदेमंद साबित होता है.

1- बोर्ड परीक्षा और जेईई (JEE Exam), नीट (NEET Exam) के बीच में 1 साल का गैप लेकर स्टूडेंट्स अपनी तैयारी पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं. इससे बोर्ड परीक्षा का स्ट्रेस कम हो जाता है.
2- 12वीं बोर्ड परीक्षा के बाद 1 साल का गेप लेकर स्टूडेंट्स अपनी कमजोरियों को बेहतर तरीके से समझकर उन पर काम कर सकते हैं.
3- दो बड़ी परीक्षाओं के बीच 1 साल का गैप होने से मेंटल स्ट्रेस से बचा जा सकता है. इस दौरान तैयारी के साथ कॉलेज व कोर्स आदि की रिसर्च भी कर सकते हैं.
4- 1 साल के गैप में आप चाहें तो कोचिंग के साथ किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी ले सकते हैं. इससे आपका 1 साल सिर्फ तैयारी में नहीं बीतेगा.

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Gap Year Disadvantages: 12वीं के बाद गैप लेने के नुकसान
12वीं बोर्ड परीक्षा के बाद 1 साल का गैप लेना बहुत कॉमन बात है. बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ऐसा करते हैं. इसके लिए सबकी अपनी-अपनी वजहें हो सकती हैं. कुछ प्रतियोगी परीक्षा के पहले प्रयास में फेल हो जाने पर एक साल का ब्रेक लेकर तैयारी करते हैं तो कुछ बोर्ड परीक्षा पर ध्यान देने के लिए उसके साथ जेईई, नीट परीक्षा की तैयारी करते ही नहीं है. लेकिन गैप ईयर के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं. जानिए 1 साल का गैप लेने के क्या नुकसान हो सकते हैं.

1- एक साल के गैप से कई स्टूडेंट्स के कॉन्फिडेंस पर असर पड़ता है. वह खुद को अन्य स्टूडेंट्स की तुलना में पीछे या कमतर समझने लगते हैं.
2- 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद 1 साल का गैप लेने का मतलब है, नौकरी का 1 साल कम होना. इस चीज के लिए खुद को पहले से तैयार रखना जरूरी है.
3- जो स्टूडेंट्स किसी कॉलेज में एडमिशन न लेकर अपना पूरा समय सिर्फ कोचिंग या रिवीजन में बिता देते हैं, उनके लिए इस दौरान टाइम पास करना मुश्किल हो सकता है.
4- 1 साल का गैप लेकर तैयारी करने पर भी जेईई, नीट के अगले अटेंप्ट में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है. ड्रॉप ईयर वाले स्टूडेंट्स पर परीक्षा पास करने का ज्यादा प्रेशर होता है.

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Tags: Board exams, JEE Exam, JEE Main Exam, NEET, Neet exam

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