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महाराष्ट्र स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल ने लातूर के 103 किसानों को नोटिस भेजा है।
महाराष्ट्र में किसानों ने शनिवार को आरोप लगाया है कि राज्य वक्फ बोर्ड उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, करीब 300 एकड़ जमीन पर दावे का मामला महाराष्ट्र स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में चल रहा है। इस संबंध में बोर्ड ने लातूर के 103 किसानों को नोटिस भेजा है। मामलें में दो सुनवाई हो चुकी हैं। अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है।
इस पर किसानों दावा किया है कि यह वक्फ संपत्ति नहीं है, उनकी पुश्तैनी जमीन है। वे पीढ़ियों से इस पर खेती करते आ रहे हैं। किसानों ने महाराष्ट्र सरकार से न्याय दिलाने की अपील की है।
मोदी सरकार वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करना चाहती है मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में करीब 40 बदलाव करना चाहती है। इसी साल मानसून सत्र में 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और विरोध के बाद ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया।
इसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं। JPC में 31 सदस्य हैं, जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 मेंबर हैं। JPC को सभी हितधारकों से चर्चा कर रिपोर्ट तैयार करनी है, जिसे शीतकालीन सत्र में पेश करने को कहना गया था।
JPC की 8 बैठक हो चुकी हैं। 8वीं बैठक में 28 नवंबर को JPC का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया गया। इसके बाद JPC की रिपोर्ट 2025 के बजट सत्र के अंतिम दिन तक पेश करने की बात कही गई है।
अब जानिए क्या है वक्फ बोर्ड और इसका काम… वक्फ बोर्ड इस्लामी कानून के तहत धार्मिक उद्देश्य से दान की गई चल-अचल संपत्तियों की देखरेख के लिए कानूनी तौर पर एक संस्था है। संसद ने 1954 में वक्फ के लिए कानून बनाया था। इनके पास किसी जमीन या संपत्ति को लेने और दूसरों के नाम पर ट्रांसफर करने का कानूनी अधिकार है।
बोर्ड किसी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी नोटिस भी जारी कर सकता है। वक्फ बोर्ड किसी ट्रस्ट से ज्यादा पावर के पास होती है। हालांकि, वक्फ बोर्ड को अपने के काम और कुल आमदनी-खर्च का पूरा लेखा-जोखा रखना होता है।
देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान जाने वाले मुस्लिमों की जमीनों और संपत्तियों का मालिकाना हक भी वक्फ बोर्ड को दे दिया गया है। कानून लागू होने के साल भर बाद यानी 1955 में कानून में बदलाव करके हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाए जाने की बात कही गई।
इस वक्त देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 32 वक्फ बोर्ड हैं। ये वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन, देखरेख और मैनेजमेंट करते हैं। बिहार समेत कई प्रदेशों में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं।
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