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गाजियाबाद। बदमाशों की कमर तोड़ने के लिए डीसीपी सिटी राजेश कुमार द्वारा चलाई गई मुहिम हर दिन बदमाशों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। नगर क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाने के लिए सिर्फ बदमाशों की धरपकड़ तक ही कार्रवाई सीमित नहीं है। बल्कि अपराधियों की अवैध संपत्ति को भी कुर्क किया जा रहा है। इसी क्रम में एक बार फिर से डीसीपी सिटी को एक बड़ी सफलता उस समय मिली जब मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र में गैंगस्टर लोकेश राजपूत की रहीसपुर रोड पर स्थित चार करोड़ बीस लाख की संपत्ति को कुर्क किया गया। अपराधियों की कमर तोडऩे नहीं बल्कि उन्हें यहां से खदेड़ने के लिए डीसीपी सिटी अपनी रणनीति पर काम कर रहे है। जिसक असर दिखाई भी दे रहा है। पहले लोगों को झांसे में लेकर उनकी मेहनत की कमाई से लोकेश ने अपनी संपत्ति को बढ़ाया। मगर अब कार्रवाई ऐसी हुई दुसरों का छोड़ खुद की भी संपत्ति हाथ से चली गई।

डीसीपी सिटी के नेतृत्व में शनिवार को गैंगस्टर एक्ट की धारा- 14(1) के अंतर्गत एक बड़ी कार्यवाही की गई है। शातिर गैंगस्टर लोकेश राजपूत की करीब चार करोड़, 25 लाख की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को कुर्क किया गया है। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि लोकेश राजपूत शातिर किस्म का गैंगस्टर है। उसने एक फर्जी कंपनी बनाई थी और अन्य साथियों के सहयोग से काफी लोगों को पैसा इंवेस्ट कराया। लोगों को पैसा डबल करने का झांसा देकर उनका पैसा लगवाया गया। मगर उसे पैसे से लोकेश ने अपने व पत्नि के नाम पर संपत्ति खरींद ली। लोकेश के खिलाफ कविनगर थाने में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कर जांच की गई। जांच में लोकेश या उसकी पत्नी लवी राजपूत की आय का कोई श्रोत नहीं मिला। जांच में साफ हो गया कि लोकेश ने सभी संपत्ति अवैध ढंग से अर्जित की हैं। अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त अजय मिश्र की कोर्ट में पेश की गई। न्यायालय के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सभी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश पारित किया गया।

न्यायालय के आदेश के क्रम में थाना मधुबन- बापूधाम द्वारा सवा चार करोड़ की संपत्तियां शनिवार को कुर्क की गई हैं। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन में क्लासिक रेजीडेंसी निवासी अभियुक्त लोकेश कुमार पुत्र मेवाराम एक शातिर किस्म का गैंगस्टर है। लोकेश के द्वारा गैंग बनाकर फर्जी फर्म के सहारे लोगों को पैसा डबल करने का प्रलोभन देकर अपने व अपने परिवार के नाम पर करोड़ों की अचल संपत्ति अर्जित की गई थी। ठगी करने के लिए गैंगस्टर ने अपने गैंग में एक शातिर महिला को भी शामिल कर रखा था। लोकेश के विरुद्ध विभिन्न थानों मे धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में खयानत, आपराधिक षडय़ंत्र और गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी जैसे 16 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। गैंगस्टर फिलहाल डासना जेल में बंद है। लोकेश एक अभ्यस्त अपराधी है, जिसके गैंग के विरुद्ध थाना कविनगर पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि लोकेश ने अपने शौक पूरे करने के लिए कमल पुत्र ओमप्रकाश और नेहा शर्मा पुत्री गोपाल शर्मा के साथ मिलकर गैंग बनाया और फर्जी फर्म खोलकर वर्ष 2017 से लेकर 2024 तक जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक षडय़ंत्र कर रकम हड़प लेने जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया और करोड़ों रुपये की चल- अचल संपत्ति अर्जित कर लीं। डीसीपी ने बताया गैंगस्टर लोकेश और उसके सभी साथी डासना जेल में बंद हैं। डीसीपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि अभियुक्त लोकेश कुमार उर्फ लोकेश राजपूत के खिलाफ थाना कविनगर में सात, थाना सिहानीगेट में पांच, थाना लिंकरोड में दो और थाना साहिबाबाद व थाना नंदग्राम में एक- एक, कुल 16 मुकदमें दर्ज हैं। खसरा नंबर- 1290, 167 वर्गमीटर आवासीय फ्रीहोल्ड प्लाट, सूर्या गार्डन, ग्राम रईसपुर- कीमत एक करोड़ रुपये, रिटेल शॉप बियरिंग नंबर- एस 77, सेकंड फ्लोर, रिटेल शाप बिल्डिंग केडब्लू दिल्ली- 6, राजनगर एक्सटेंशन- कीमत 75 लाख रुपये और निर्माणाधीन दुकान खसरा नंगर- 1102, नूरनगर, राजनगर एक्सटेंशन, एरिया 2064.78 वर्ग फुट – कीमत ढाई करोड़ रुपये है।

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