मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बन गई. देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए. पहले के सीएम रहे एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ डिप्टी सीएम बने हैं. करीब 12 दिनों तक महायुति में सीएम पद पर लंबी खींचतान चली. बताया गया कि शिंदे डिप्टी सीएम पद पर मान नहीं रहे हैं. वह भाजपा से नाराज हैं. इसी वजह से सरकार बनाने में देरी हुई. हालांकि, अब उस पूरे घटनाक्रम का सच सामने आ गया है. एकनाथ शिंदे क्या सच में भाजपा से नाराज थे? न्यूज18 इंडिया को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने इसका खुलासा कर दिया है.
महाराष्ट्र का सीएम बनते ही देवेंद्र फडणवीस ने न्यूज18 इंडिया को सबसे पहले इंटरव्यू दिया. न्यूज18 इंडिया के सवाल कि आखिर किस वजह से एकनाथ शिंदे नाराज थे. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने विस्तार से जवाब दिया. फडणवीस ने कहा, ‘मैं नहीं मनता कि एकनाथ शिंदे नाराज थे. हमारी मीटिंग दिल्ली में अमित शाह जी के साथ चल रही थी. तब एकनाथ शिंदे ने मुझसे कहा था कि आपकी पार्टी के इतने लोग चुनकर आएं हैं कि आपके ऊपर प्रेशर होगा कि मुख्यमंत्री आपका हो. मैंने भी बाद में उन्हें कहा था कि हम सरकार बनाएंगे तो आपको सरकार में रहना ही होगा. मैं मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बना तो मेरे भी ध्यान में आया लेकिन पार्टी ने मुझे कहा तो मैं बना.’
देवेंद्र फडणवीस ने साफ कह दिया कि एकनाथ शिंदे नाराज नहीं थे. ठीक जब शपथ ग्रहण से पहले जब महायुति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तब शिंदे ने भी इस ओर इशारा किया था कि वह सीएम पोस्ट को लेकर भाजपा से नाराज नहीं थे. सूत्रों ने भी दावा किया कि वह केवल पोर्टफोलियो को लेकर थोड़े से नाराज थे. उन्हें पता था कि भाजपा के पास 132 सीटें हैं. लिहाजा मुख्यमंत्री उसी का बनेगा. बात केवल होम मिनिस्ट्री और अर्बन डेवलपमेंट विभाग पर अटकी थी. अब खुद सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने नाराजगी की खबरों का खंडन कर दिया है.
सरकार बनाने में देरी के सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि महाराष्ट्र की जनता 2014 के बाद से मोदी जी के साथ रही है. और महाराष्ट्र की जनता उनके साथ है. लोकसभा चुनाव में नैरेटिव हमारे खिलाफ चला गया जो मुझे लगता है कि हम संभाल नहीं सकें. 3 परसेंट वोट कम रहा और हमें बहुत सीटें गंवानी पड़ीं लेकिन इस बार हम बहुत सजग रहे. और इस वजह से हमने बहुत कुछ हासिल किया. तीन पार्टियों को निर्णय लेना होता है. इसलिए समय लगता है. 2004 में कांग्रेस एनसीपी अच्छे से बहुमत में आई थी तो भी उन्हें 14 दिन लगे थे. 2009 में भी उन्हें 9 दिन लगे थे और मुझे नहीं लगता है कि हमें इतने दिन लगे.
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||