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हाइलाइट्सकांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे 500 के नोट मिलेसांसद का नियम कहता है कि संसद में ज्यादा धन लेकर नहीं जा सकतेपर्स लेकर जाने पर कोई रोक नहीं है, हर सांसद पर्स लेकर जाता है

कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की राज्यसभा सीट के नीचे कथित तौर पर 500 रुपए की गड्डियां लेकर जाने का आरोप लगाया गया. हालांकि सिंघवी ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि मेरी जेब में मुश्किल से एक 500 रुपए का नोट ही होता है. नोट की गड्डियां ले जाने का तो कोई मतलब ही नहीं. हालांकि संसद की आचार संहिता और नियम कहते हैं कि कोई भी सांसद संसद में करेंसी लेकर नहीं जा सकता है.

आइए जानते हैं कि भारतीय संसद में भारतीय संसद में सांसदों के लिए पर्स और नोट ले जाने का नियम क्या है. इस बार में कोई स्पष्ट नियम नहीं है जो इन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित करता हो, लेकिन इसका उपयोग और प्रदर्शन सदन की कार्यवाही और गरिमा के अनुकूल होना चाहिए. कोई भी नियम सांसद को पर्स लेकर जाने और इसमें जरूरत की राशि रखने पर प्रतिबंधित नहीं करता है.

क्या संसद में पर्स लेकर जा सकते हैं
सांसद व्यक्तिगत पर्स (जैसे वॉलेट या छोटा बैग) संसद में ले जा सकते हैं. महिला सांसद अपना लटकाने वाला पर्स लेकर जा सकती हैं. पर्स सामान्य व्यक्तिगत उपयोग तक सीमित होना चाहिए. ये किसी कार्यवाही में किसी भी तरह की बाधा या विवाद का कारण नहीं बनना चाहिए.

क्या संसद में धनराशि लेकर जा सकते हैं
धनराशि ले जाने पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसका सदन के भीतर प्रदर्शन या उपयोग सख्त वर्जित है. नोटों की गड्डी किसी भी हालत में लेकर नहीं जा सकते.
2008 का “नोट फॉर वोट” मामले में जब कुछ सांसदों ने लोकसभा के भीतर नोटों का प्रदर्शन किया था तो इसे संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला माना गया. इसकी कड़ी आलोचना हुई. तब से संसद में बड़ी धनराशि लेकर आने पर रोक लग गई. इसे लेकर सख्त नियम बनाए गए.

कोई सांसद संसद में अपने साथ क्या लेकर जा सकता है
भारतीय संसद के नियमों के अनुसार, सांसदों को संसद में केवल वही चीजें ले जाने की अनुमति होती है जो उनके विधायी और कार्यकारी कर्तव्यों के लिए आवश्यक हों.
– महत्वपूर्ण दस्तावेज
– विधायी कार्य से संबंधित दस्तावेज, नोट्स, रिपोर्ट, या बिल
– बहस में भाग लेने के लिए तैयार किए गए भाषण या अन्य संदर्भ सामग्री
– इलेक्ट्रॉनिक उपकरण:
– सीमित उपयोग के लिए मोबाइल फोन, टैबलेट, या लैपटॉप (कुछ मामलों में विशेष अनुमति के साथ)।

और क्या ले जा सकते हैं
ये उपकरण संसद की गरिमा और कार्यवाही में बाधा डाले बिना उपयोग किए जा सकते हैं
व्यक्तिगत सामान: छोटा बैग, पर्स, स्टेशनरी, या अन्य उपयोगी व्यक्तिगत सामग्री
– जलपान या पानी

क्या संसद में नहीं ले जा सकते
– अशोभनीय या अनुचित सामग्री
– किसी भी प्रकार का प्रदर्शन सामग्री (जैसे प्लेकार्ड, पोस्टर, बैनर)।
– ज्यादा नकद धनराशि (जैसा कि “नोट फॉर वोट” कांड में देखा गया था)।
-अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस:
– रिकॉर्डिंग उपकरण या कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं है, जब तक कि विशेष अनुमति न हो

क्या सांसद संसद में हथियार लेकर जा सकते हैं
बिल्कुल नहीं. हथियार या सुरक्षा उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है
– सांसद को किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने की सख्त मनाही है।

ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण भी नहीं
– सीटी, वुवुज़ेला, या अन्य कोई उपकरण जो कार्यवाही में बाधा डाल सकता है।

अगर कोई सांसद संसद में अनुचित सामग्री ले जाने का दोषी मिले तो
– यदि कोई सामान या आचरण अनुचित पाया जाता है, तो संसद की अनुशासनात्मक समिति कार्रवाई कर सकती है. उसे निलंबित किया जा सकता है.

जब तीन सांसद संसद में ले गए 1 करोड़ रुपए
ये मामला वर्ष 2008 में तब हुआ जबकि “नोट फॉर वोट” घोटाला चर्चा में आया. तब यूपीए सरकार के विश्वास मत के दौरान विपक्षी भाजपा के तीन सांसदों ने लोकसभा के भीतर नोटों के बंडल (₹1 करोड़) लाकर दिखाए. इससे संसद में सनीसनी फैल गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने उनकी पार्टी के सांसदों को विश्वास मत के पक्ष में वोट देने के लिए रिश्वत देने की कोशिश की. इस घटना ने देशभर में विवाद खड़ा कर दिया. ये आरोप लगा कि इस घटना से संसद की गरिमा को ठेस लगी है. बाद में मामले की जांच के लिए संसदीय समिति का गठन हुआ. इसे सीबीआई को सौंपा गया.

इसी तरह वर्ष 2013 में एक सांसद ने सदन के भीतर नकली नोटों का बंडल दिखाकर दावा किया कि देश में नकली मुद्रा का संकट बढ़ रहा है. इस घटना पर तीखी बहस हुई. इसे संसद के नियमों का उल्लंघन माना गया. इन घटनाओं के बाद संसद की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त नियम लागू किए गए

जब एक सांसद ने हाउस में काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया
वर्ष 2015 में आंध्र प्रदेश के सांसद लगडापति राजगोपाल ने लोकसभा के अंदर काली मिर्च स्प्रे (pepper spray) का उपयोग किया. ये घटना आंध्र प्रदेश के विभाजन और तेलंगाना के निर्माण के दौरान हुई. उन्होंने इसका उपयोग सदन के भीतर विरोध दर्ज कराने के लिए किया. उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया. ये घटना संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने का कारण बनी.

जब संसद में कई बार प्लेकार्ड और अशोभनीय वस्तुओं का प्रदर्शन हुआ
ये संसद में कई बार हो चुका है कि सांसदों ने संसद के भीतर प्लेकार्ड, बैनर, या अन्य अशोभनीय सामग्री लाकर प्रदर्शन किया. ये महंगाई, भ्रष्टाचार, कृषि कानूनों या अन्य मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन के लिए थे. इनसे संसद की कार्यवाही बाधित हुई.

Tags: Abhishek Manu Singhvi, Indian currency, Indian Parliament, Member of parliament, Note ban, Rajya sabha

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