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अंकुर सैनी/सहारनपुर: खाने-पीने की चीजों को लेकर सहारनपुर यूं तो काफी दूर-दूर तक मशहूर है. लेकिन सहारनपुर में इन दिनों लाल मावे से तैयार लाल बर्फी काफी चर्चाओं में है. इस बर्फी को खाने के बाद लोग इस बर्फी के दीवाने हो जाते हैं. सहारनपुर के कस्बा सरसावा में चावला’स के नाम से मिठाई की दुकान है. जो कि पहले डेरी हुआ करती थी और चावला’स के नाम से फेमस है. इस दुकान की मशहूर मिठाई खोया से तैयार लाल बर्फी है. जो कि अपने मिठास और स्वाद से लोगों को अपनी ओर खींच लाती है. इस मिठाई को स्पेशल ऑर्डर पर तैयार किया जाता है.  कुछ लोग इस बर्फी को यहां से विदेशों तक ले जाते हैं. हरियाणा, पंजाब, हिमाचल को जाने वाले लोग यहां पर रुककर इस लाल बर्फी को खाना काफी पसंद करते हैं. यह लाल बर्फी स्पेशल तरीके से तैयार की जाती है, जिसमें घर के दूध का इस्तेमाल किया जाता है. उस दूध को इतना पकाया जाता है कि उससे मावा निकल जाता है और उस मावे को भूनकर खोया मिलाकर लाल किया जाता है. उसके बाद इस बर्फी को तैयार किया जाता है. इस बर्फी में काजू, बादाम, किशमिश विभिन्न तरह के ड्राई फूड भी इस्तेमाल किए जाते हैं, जो कि इस बर्फी के स्वाद को और भी बढ़ा देते हैं. वही इसके दाम की बात करें तो ₹480 किलो यह लाल बर्फी आसानी से बिक रही है.

भारत ही नहीं फॉरेन कंट्री के लोग भी पसंद करते हैं यह लाल बर्फी

दुकान स्वामी रिपुल चावला ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि सहारनपुर के सरसावा कस्बे में गुरुद्वारे के पास चावला’स के नाम से उनकी दुकान है. लाल बर्फी उनकी सबसे अच्छी मिठाइयों में से एक है, जो की लाल मावे से तैयार की जाती है. इस लाल मावे को खुद ही तैयार किया जाता है. लाल बर्फी उनकी काफी फेमस बर्फी है, जिसको दूर-दूर से लोग खाने के लिए यहां पर पहुंचते हैं. स्वाद लाजवाब है. इस मिठाई में मिठास कम यानी कि शुगर के मरीज भी इसको आसानी से खा सकते हैं. इस बर्फी में किसी भी तरह का कलर इस्तेमाल नहीं किया जाता. मावे को भूनकर खोया निकाला जाता है और उसमें ड्राई फ्रूट डालकर इस बर्फी को तैयार कर दिया जाता. इसका रेट 480 रुपये प्रति किलो रखा गया है. दुकान स्वामी रिपुल चावला बताते हैं कि आज इस लाल बर्फी की वजह से ही यह मिठाई की दुकान फेमस  है. इसको खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और इस मिठाई को लोग बाहर विदेशों में भी भेजते हैं. यानी कि इस मिठाई का स्वाद भारत के लोग ही नहीं बल्कि विदेशों के लोग भी ले रहे हैं. मिठाई को बनाने में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है और जब लोग खाने के बाद तारीफ करते हैं, तो ऐसा लगता है कि उनकी मेहनत वसूल हो गई.

FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 12:09 IST

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