• वायु गुणवत्ता सुधार के लिए नगर निगम ने शहरवासियों को किया जागरूक
• स्वास्थ्य विभाग ने 3.84 लाख और निर्माण विभाग ने 5 लाख के काटे चालान
• रोड स्वीपिंग मशीन से सफाई और वॉटर स्प्रिंकलर से हो रहा पानी का छिड़काव
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। वायु प्रदूषण से पूरा उत्तर भारत त्रस्त है। दिल्ली एनसीआर की खराब हवा प्रतिदिन सुर्खियों में है। इन्ही खबरों के बीच गाजियाबाद में घटता प्रदूषण स्तर शहरवासियों के लिए खुशी देने वाली खबर है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की नीति और रीति का असर है कि गाजियाबाद की हवा राजधानी दिल्ली और पड़ोसी शहर नोएडा से अच्छी है। नगर निगम के प्रयासों से गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार आया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 102 पर आ चुका है। जबकि दिल्ली में इंडेक्स 179 बना हुआ है। यानी गाजियाबाद और दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में काफी फर्क है। नगर निगम द्वारा कई सुधारात्मक और दंडात्मक कदम उठाये गये हैं जिससे गाजियाबाद की हवा और बेहतर होने की संभावना है।
विक्रमादित्य सिंह मलिक ने दूरगामी सोच के साथ शहर में हरियाली बढ़ाने और सड़कों को धूलमुक्त बनाने की योजना पर काम किया। उसका असर अब दिखाई दे रहा है। शहर में अधिक से अधिक पौधे लगाने के साथ ही पार्कों को हरा भरा किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में सबसे अधिक धूल रहती है ऐसे में वहां कंक्रीट की सड़कें बनवाई जा रही है। लघु कालिक इंतजाम के तहत प्रतिदिन रोड स्वीपिंग मशीन से सड़कों की सफाई कराई जा रही है और सुबह शाम वॉटर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। महत्वपूर्ण जगहों पर एंटी स्मॉग गन लगाये गये हैं। प्रदूषण फैलाने वालों से निपटने के लिए नगर निगम के अधिकारियों द्वारा सख्त रुख अख्तियार करते हुए जुर्माना वसूला जा रहा है। हवा की खराब गुणवत्ता वाले शहरों की सूची में गाजियाबाद पहले टॉप-3 या टॉप-5 में रहता था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग में नगर निगम की टीम द्वारा लगातार दिन-रात प्रयास किए जा रहे है। जिससे शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकें। एयर क्वालिटी इंडेक्स नवंबर में 400 के पार था, जन सहयोग और निगम की कार्यवाही के उपरांत वर्तमान में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के आस-पास है। अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार ने बताया 17 नवंबर से ग्रेप लागू होने के उपरांत विभागों की कार्यवाही को तेज किया गया। जिसमें शहर की स्वच्छ हवा को खराब करने वाले कार्यो पर रोक लगाने को रफ्तार दी गई। अवैध रूप से चल रही भट्टियों को बंद कराया गया। प्रतिबंधित प्लास्टिक के विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ अज्ञात द्वारा कूड़ा जलाने पर भी कड़ी कार्यवाही करते हुए जुमार्ना वसूला गया। इस प्रकार नवंबर माह में 3 लाख 84 हजार 400 का जुमार्ना वसूला गया। वसुंधरा जोन अंतर्गत कार्यवाही करते हुए 129500 का जुमार्ना वसूला गया। कवि नगर जोन अंतर्गत 42000 का जुमार्ना, सिटी जोन में 47400 का जुमार्ना, विजयनगर जोन में 53000 का जुमार्ना, मोहन नगर जोन अंतर्गत 112500 रुपये का जुमार्ना वसूल किया गया। साथ ही आसपास के क्षेत्र वासियों को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए जागरूक भी किया गया।
चीफ इंजीनियर एनके चौधरी ने बताया कि नगर आयुक्त के निर्देशानुसार प्रदूषण से निपटने के लिए सख्ती भी बरती जा रही है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्माण कार्यों को विराम देने के साथ अवैध रुप से निर्माण सामग्री बेचने वालों पर जुमार्ना लगाया गया। वसुंधरा जोन में नवंबर माह में 89000 का जुमार्ना वसूला गया। मोहन नगर जोन अंतर्गत 88000 का जुमार्ना, विजयनगर जोन अंतर्गत 183000 का जुमार्ना, सिटी जोन 22000 का जुमार्ना, कवि नगर जोन अंतर्गत 118000 रुपये का जुमार्ना वसूला गया। खुले में निर्माण सामग्री बिक्री ना हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए लगभग 5 लाख की वसूली जुमार्ने के रूप में की गई। ग्रेप के नियमों का पालन करने के लिए कड़ी कार्यवाही की गई। एंटी स्मॉग गन, वॉटर स्प्रिंकलर, मशीन रोड स्वीपिंग मशीन व अन्य उपकरणों के माध्यम से प्रदूषण के स्तर को कम किया गया। आने वाले सप्ताह में वायु गुणवत्ता में और अधिक सुधार करने के प्रयासों के तहत कार्य किया जा रहा है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक द्वारा समस्त प्रकार की कार्रवाई की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाती है।
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