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कोयंबटूर. अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही से किसी इंसान की मौत होने के बाद तो विरले ही मामलों में किसी जिम्मेदार शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है. मगर एक कुत्ते की मौत होने के तत्काल बाद एक निजी अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज होने की खबर सामने आई है. ये पूरा मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर का है. जहां पर 20 नवंबर को अपने संरक्षण में रखे गए कुत्ते की मौत के मामले में एक निजी पालतू पशु अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शहर के साईबाबा कॉलोनी में स्थित सांचू पशु अस्पताल के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

जिला पशुपालन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम किया और बाद में कुत्ते को संगनूर कब्रिस्तान में दफना दिया गया. पुलिस ने बताया कि कावुंडमपलायम के 30 साल के जी सरथ ने 20 नवंबर को अपने पालतू कुत्ते को अस्पताल की बोर्डिंग सुविधा में छोड़ दिया था. उसी दोपहर उन्हें एक कॉल आया जिसमें बताया गया कि उनके कुत्ते की हालत गंभीर है. हालांकि, जब वे अस्पताल पहुंचे तो उनका कुत्ता मरा पाया गया.

सरथ ने कहा कि हमने पाया कि हमारे कुत्ते की जीभ जख्मी थी और उसका मुंह खून से भरा हुआ था. जब मैंने उसकी मौत के हालात के बारे में पूछताछ की तो कोई उचित जवाब नहीं मिला. यह लापरवाही का साफ मामला था और चूंकि हमें मौत के बारे में संदेह था, इसलिए हमने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि अस्पताल में सभी जानवरों को संभालने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं.

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कोयंबटूर के पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डॉ. एस. थिरुकुमारन ने कहा कि हमें अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. एक बार जब हम इसका विश्लेषण कर लेंगे, तो हम नतीजों के आधार पर निजी पशु अस्पताल के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे. सितंबर में खोला गया अस्पताल डेकेयर सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहा है. अस्पताल के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

Tags: Animal Cruelty, Animal Welfare, Dog Lover

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