ये डलिया फर्रुखाबाद की पहचान बन चुकी है.यहां के कारीगर सैकड़ो बरसों से इसे बनाते आ रहे हैं.कमालगंज क्षेत्र के कई ऐसे गांव है जहां पर ग्रामीण इस लकड़ी से कारीगरी करके अपना गुजारा करते हैं.
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