नई दिल्ली21 घंटे पहले
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महाराष्ट्र और झारखंड के साथ 15 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे साफ हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 9 सीटों पर तो राजस्थान में 7, पश्चिम बंगाल में 6, असम में 5, बिहार में 4, पंजाब 4, कर्नाटक में 3, केरल में 2, मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़-उत्तराखंड में एक-एक सीट पर उपचुनाव हुआ।
देश के उत्तर से दक्षिण तक उपचुनाव में जीत-हार को लेकर दैनिक भास्कर के अनुमान एकदम सटीक बैठे हैं।
जानिए राज्यवार नतीजों को लेकर भास्कर का प्रिडिक्शन और चुनाव नतीजे…
यूपी: सिर्फ भास्कर ने सभी 9 सीटों के सटीक नतीजों का अनुमान लगाया यूपी में उपचुनाव की सभी 9 सीटों पर भास्कर रिपोर्टर्स का पोल प्रिडिक्शन 100% सही रहा। एक-एक सीट पर हमारे रिपोर्टर्स ने जैसा एनालिसिस किया, नतीजे ठीक वैसे ही रहे।
भास्कर ने एग्जिट पोल में बताया था कि BJP+ को 9 में से 7 सीटें मिलेंगी। 6 पर भाजपा और एक सीट पर रालोद को जीत मिलेगी। सपा के लिए 2 सीटों की बात कही थी। रिजल्ट आया तो आंकड़े बिलकुल यही थे।
खास बात यह है कि यूपी में सिर्फ दैनिक भास्कर ही था, जिसने एक-एक सीट पर एग्जिट पोल किया था। यानी यह बताया था कि किस सीट पर कौन जीतेगा। बाकी सभी मीडिया हाउस ने सिर्फ कुल सीटों का आंकड़ा देकर एग्जिट पोल किया था। पढ़ें पूरी खबर…
राजस्थान: सभी 7 सीटों पर भास्कर का अनुमान सटीक बैठा
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। भास्कर ने सभी सीटों पर घूम-घूमकर हर क्षेत्र के वोटर्स का मिजाज समझने की कोशिश की। अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में 4 सीटों पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस और एक पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) को आगे बताया था।
भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट्स में खींवसर, झुंझुनूं, सलूंबर और देवली उनियारा में भाजपा को बढ़त बताई गई थी। वहीं, दौसा और रामगढ़ में कांग्रेस और चौरासी में भारतीय आदिवासी पार्टी को आगे दिखाया गया था। उपचुनाव के नतीजे भी इसी के आसपास रहे। 5 पर भाजपा और एक-एक सीट पर कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी ने जीत दर्ज की।
राजस्थान में 7 में से 6 सीटों पर मुख्य चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग हुई। पिछले आंकड़ों के आधार पर कहा जाता रहा है कि उपचुनाव में वोटिंग परसेंटेज कम रहने का फायदा कांग्रेस को मिलता है और अधिक रहने पर बीजेपी को। यह पैटर्न राजस्थान के उपचुनावों में अब तक सटीक भी रहा, लेकिन इस बार समीकरण इतने उलझे हुए हैं कि ये बात खरी उतरती नहीं दिख रही।
भास्कर ने हर सीट को एनालाइज करके वहां हार-जीत की वजह बताई। राज्य के पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स से बात की तो उन्होंने भी बताया कि यह कहना भ मुश्किल है कि पिछले उप चुनाव के जैसे कांग्रेस इस उप चुनाव में भी एक तरफा प्रदर्शन करेगी। बीजेपी का प्रदर्शन सुधरने की संभावना है। पढ़ें पूरी खबर…
बिहार: नतीजों से 12 दिन पहले बताया- चारों सीटें NDA जीतेगा
बिहार की चार विधानसभा सीटों इमामगंज, तरारी, बेलागंज और रामगढ़ में एनडीए की जीत हुई है। भास्कर ने 12 दिन पहले मंडे स्पेशल में 4 में 3 सीटों पर पहले ही बता दिया था कि, यहां एनडीए का पलड़ा भारी है। इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ में हमने एनडीए की जीत की संभावना जताई थी, यही हुआ भी। तरारी में हमने कांटे की टक्कर की बात कही थी। बताया था कि, यहां से माले का सुपड़ा साफ हो सकता है। यही हुआ, माले साफ हो गई। यानी भास्कर का आंकलन 100 फीसदी सही साबित हुआ।
हमने ये भी बताया था कि पहली बार चुनाव लड़ रही जनसुराज जमीन पर कहीं नहीं दिख रही है। जनसुराज के लिए एक भी सीट निकाल पाना मुश्किल है, लेकिन वो बाकी पार्टियों के वोट काटने का काम करेगी। यहीं हुआ भी। जनसुराज ने महागठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया है। पढ़ें पूरी खबर…
पंजाब: भास्कर ने वोटिंग के बाद ही बताया- AAP को 2 से 3 सीटें मिलेंगी
पंजाब में 20 नवंबर को वोटिंग के बाद भास्कर ने बताया था कि उपचुनाव में आम आदमी पार्टी 2 से 3 सीटें जीत सकती है। वहीं कांग्रेस को 1 से 2 सीटें मिलेंगी। नतीजों में AAP ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती। भास्कर ने यह भी बताया कि चारों सीटों पर भाजपा कहीं फाइट में नहीं है। यही स्थिति चुनाव नतीजों में देखने को मिली। जहां भाजपा कहीं भी दूसरे नंबर पर तक नहीं आ सकी।
सीटवार एनालिसिस की बात करें तो चब्बेवाल सीट को लेकर भास्कर ने साफ किया था कि यहां AAP के उम्मीदवार डॉ. इशांक चब्बेवाल को उनके सांसद पिता डॉ. राजकुमार चब्बेवाल की वजह से बढ़त मिली हुई है। वे 28,582 वोटों से जीते। गिद्दड़बाहा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच था। आम आदमी पार्टी 21,969 वोटों से जीती और कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही।
बरनाला में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच मुकाबला बताया था। यहां कांग्रेस के काला ढिल्लों 2,157 वोटों से जीते। आप दूसरे नंबर पर रही। डेरा बाबा नानक में कांग्रेस और आप के बीच कड़ा मुकाबला बताया था। यहां AAP जीती लेकिन हार-जीत का अंतर महज 5,699 वोट का रहा। पढ़ें पूरी खबर…
मध्य प्रदेश: भास्कर ने दोनों सीटों के नतीजों का सटीक अनुमान लगाया
मध्य प्रदेश में बुदनी विधानसभा से भाजपा और विजयपुर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट में बताया गया था कि विजयपुर में मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। पिछले 14 चुनाव नतीजों को देखें तो कांग्रेस ने 7 और बीजेपी ने केवल 3 चुनाव जीते हैं। यानी परंपरागत रूप से ये सीट कांग्रेस की है। कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा के समर्थन में आदिवासी और कुशवाह समाज के लोग लामबंद दिखाई दे रहे हैं। लिहाजा भाजपा की राह मुश्किल है। पढ़ें पूरी खबर…
बुदनी को लेकर भास्कर ने बताया था कि समाजवादी पार्टी ने बुधनी में अपना प्रत्याशी खड़ा किया है। सपा के अर्जुन आर्य भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं, लेकिन ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा। यही हुआ और यहां भाजपा ने जीत दर्ज की। पढ़ें पूरी खबर…
छत्तीसगढ़: एक सीट पर चुनाव, भास्कर ने बताया- भाजपा जीतेगी
छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुनील सोनी ने कांग्रेस के आकाश शर्मा को 46167 वोटों से हरा दिया। सुनील सोनी को 89220 वोट मिले और आकाश शर्मा को 43053। यह सीट 35 सालों से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल के पास रही। बृजमोहन आठवीं बार भी चुनाव जीत गए, लेकिन उन्हें लोकसभा में भेजने के बाद यहां उपचुनाव कराना पड़ा। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद प्रदेश में 16 उपचुनाव हुए, जिनमें 14 में सत्ता पक्ष को जीत मिली।
रायपुर दक्षिण भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट है, जहां भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल जीतते आए हैं। 2023 के चुनावों में भी सबसे बड़ी जीत बृजमोहन अग्रवाल की ही थी। वे 68 हजार से ज्यादा मतों से जीते थे। यहां कभी भी हार-जीत की चर्चा नहीं रही, बल्कि भाजपा के जीत के अंतर को लेकर चर्चा होती रही। हालात यह रहे कि कांग्रेस के आकाश शर्मा अपने ही बूथ से हार गए।
अब झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से जुड़ी इन खबरों से भी गुजर जाइए…
मोदी बोले- महाराष्ट्र ने कुर्सी फर्स्ट को नकारा:डंके की चोट पर कहा- एक हैं तो सेफ हैं; कोई ताकत 370 वापस नहीं ला सकती
महाराष्ट्र और झारखंड में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा- इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम आंकते हैं। देश का वोटर अस्थिरता नहीं चाहता। वो नेशन फर्स्ट के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट के साथ हैं, उन्हें देश का नेचर पसंद नहीं आ रहा। पढ़ें पूरी खबर…
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