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-लॉ के छात्रों को पूर्व न्यायाधीश रविंद्र सिंह ने पढ़ाया कानून का पाठ

गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित मॉडर्न कॉलेज ऑफ लॉ द्वारा रविवार को न्याय तक पहुंच संविधान और अन्य संस्थाओं की भूमिका नामक शीर्षक पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश के पूर्व न्यायाधीश रविंद्र सिंह ने किया। विशेष अतिथि के रूप में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के सदस्य कुमार मुकेश के प्रेरणात्मक भाषण एवं प्रवीण जैन एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सर्वोच्च न्यायालय के वचनों से समापन हुआ। संगोष्ठी में मुख्यत: मॉडर्न कॉलेज के संस्थापक विनीत गोयल एवं प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर निशा सिंह एवं संगोष्ठी के संचालक अंकुर गुप्ता के प्रेरणात्मक भाषण की प्रशंसा की गई।

पूर्व न्यायाधीश रविंद्र सिंह ने संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति मिधा ने अपने विशाल ज्ञान, अनुभव और भारत में कानूनी शिक्षा को बदलने के अपने नजरिए को साझा किया। उन्होंने नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, न्यायालय शुल्क अधिनियम, संपत्ति अधिनियम जैसे विषयों का अध्ययन करते हुए प्लिडिंग एंड कन्विंसिंग और मोटर एक्सीडेंट कंपनसेशन के विषय पर सिनॉप्सिस और केस सामग्री का भी संकलन किया। बार काउंसिल आफ दिल्ली के सदस्य कुमार मुकेश ने कहा लॉ विद्यालय वह जगह है जहां से आपकी यात्रा शुरू होती है। कानूनी सिद्धांतों, आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक कौशल में एक मजबूत आधार विकसित करने पर ध्यान देने के साथ शैक्षणिक वातावरण गहन है। मामलों को पढ़ने, संक्षिप्त विवरण लिखने और विवादास्पद अदालतों में भाग लेने में अनगिनत घंटे बिताने की अपेक्षा करें। लॉ से स्नातक होने के बाद, अधिकांश महत्वाकांक्षी न्यायाधीश प्रैक्टिस वकील के रूप में अपना करियर शुरू करते हैं। यह चरण अदालत कक्ष का अनुभव प्राप्त करने, कानूनी अभ्यास की बारीकियों को समझने और वकालत कौशल विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

चाहे निजी प्रैक्टिस में हों, सरकारी सेवा में हों, या सरकारी वकील के रूप में हों, यह अनुभव न्यायिक प्रक्रिया के बारे में आपकी समझ को आकार देगा। संगोष्ठी के ऑफ लाइन सत्र अध्यक्षता डॉक्टर प्रिया भटनागर विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज दिल्ली द्वारा की गई। जिसमें अंकुर गुप्ता संयोजक एवं सुनील कुमार के नेतृत्व में ने लगभग 32 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों की प्रस्तुति की। संगोष्ठी के ऑनलाइन सत्र को विशेष दो भाग में विभाजित किया गया। जिसमें प्रोफेसर डॉक्टर मोहम्मद इमरान डायरेक्ट एंड एकेडमिक्स एवं डॉक्टर निधि शर्मा जीआईबीएस दिल्ली के अध्यक्षता में लगभग 25 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों की प्रस्तुति की। ऑनलाइन सत्र के दूसरे भाग को डॉक्टर शशांक दीवान लॉ कॉलेज के नेतृत्व में लगभग 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों की प्रस्तुति की। संगोष्ठी संगोष्ठी के अंत में समस्त प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।




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