ताश के पत्तों में जोकर का पत्ता 164 साल पहले जुड़ा थाजोकर का पत्ता सबसे ज्यादा ताकतवर पत्ता होता हैवैसे इस्लाम और इस्लामी देशों में ताश का खेल प्रतिबंधित
ताश का खेल एक ऐसा खेल है, जो अब पूरी दुनिया में खेला जाता है. ये हजारों साल पुराना खेल है, जिसमें समय के साथ कुछ नए पत्ते जुड़े. आमतौर पर लोगों को लगता होगा कि ताश में जोकर के पत्ते का कोई काम नहीं लेकिन ये बहुत खास कार्ड होता है.
आमतौर पर ताश के एक डेक 52 पत्ते होते हैं. भारत जैसे देश में ताश को 50 पत्तों से खेला जाता है, दो पत्तों को किनारे रख देते हैं. क्या आपको मालूम है कि दो पत्ते क्या होते हैं. वैसे ताश के कार्ड में चार तरह के पत्ते होते हैं – लाल ईंट, लाल पान, काली चिड़ी और काला हुकुम. ये पत्ते इक्के से शुरू होते हैं और बादशाह तक जाते हैं.
कितने होते हैं जोकर के पत्ते
तो अब हम आपको बताते हैं कि भारत में खेले जाने वाले ज्यादातर ताश के खेलों में किन दो पत्तों का इस्तेमाल सबसे कम या नहीं के बराबर होता है. जब भी लोग ताश खेलने बैठते हैं तब जिन दो पत्तों को किनारे रख देते हैं, वो जोकर के पत्ते होते हैं. ये संख्या में दो होते हैं. ताश के कुछ विशेष डेक में 3 या 4 जोकर पत्ते भी हो सकते हैं, खासतौर पर उन खेलों के लिए जहां जोकर का अधिक उपयोग होता है.
ताश के कई खेलों में जोकर के पत्ते का रोल सबसे अहम होता है. ये खेल की दिशा तय करने वाला माना जाता है. (image generated by leonardo ai)
ये ताश में जोड़ा गया सबसे नया पत्ता
अब हम आपको बताएंगे कि जोकर का पत्ता वास्तव में जोकर नहीं होता बल्कि ये बादशाह से ज्यादा ताकत रखता है. लेकिन पहले ये जानते हैं कि जोकर का पत्ता ताश में कब जोड़ा गया. ताश में जोड़ा जाने वाला ये सबसे नया पत्ता है. ये मध्यकालीन जोकर जेस्टर से प्रेरित है. यह रंगीन कपड़े पहनता था. इसका काम हंसी-मजाक और चतुराई से राजा और दरबारियों को खुश करना था.
ये काफी ताकतवर होता है
इसका चेहरा अक्सर मुस्कुराता हुआ और हल्के शरारती हावभाव दिखाता है. इसे 1860 में ताश के पत्तों के डेक में जोड़ा गया. जोकर का ये पत्ता इतना ताकतवर होता है कि आप समझ नहीं सकते. इसका श्रेय अमेरिकी ताश निर्माताओं को दिया जाता है, जिन्होंने इसे विशेष रूप से “यूकरे” (Euchre) नामक खेल के लिए बनाया था.
वाइल्ड कार्ड भी बन जाता है ये
जोकर को “वाइल्ड कार्ड” के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिसका मतलब है कि यह किसी भी पत्ते का स्थान ले सकता है. कुछ खेलों में जोकर को विशेष Points के लिए रखा जाता है. इसे खेल में रखना या हासिल करना फायदेमंद माना जाता है. इसका उपयोग कई ताश के खेलों में वाइल्ड कार्ड, बोनस कार्ड, या कभी-कभी सिर्फ सजावट के रूप में किया जाता है.
ताश के पत्तों में जोकर की इंट्री 1860 में हुई. तब अमेरिका के ताश के डेक को छापने वाले मुद्रकों ने इसे सबसे पहले छापा. (wiki commons)
कुछ खेलों में, जोकर का उपयोग खेल को अधिक रोचक और चुनौतीपूर्ण बनाने के लिए किया जाता है. यह पत्ता बाकी खिलाड़ियों की योजना को प्रभावित कर सकता है.
ताश का खेल कितना पुराना?
ताश का खेल 9वीं शताब्दी में चीन में शुरू हुआ माना जाता है. शुरुआती ताश कागज के पत्तों के रूप में थे और इन्हें “डोमिनोज़” या “पेपर गेम्स” की तरह खेला जाता था. ताश का खेल मध्य एशिया और मुस्लिम सभ्यता के जरिए यूरोप में पहुंचा. यूरोप में लकड़ी की छपाई तकनीक से ताश बनाने में तेजी आई और यह आम जनता तक पहुंच गया. फ्रांस में पहली बार 52-पत्तों का डेक विकसित हुआ, जिसमें चार सूट (दिल, ईंट, पान, चिड़ी) शामिल थे.
इस्लामिक देशों में प्रतिबंधित
ताश का खेल दुनिया के हर देश में खेला जाता है. हालांकि कुछ देशों में यह अवैध या सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं हैं. सऊदी अरब और अन्य इस्लामिक देशों में इस्लामी कानून (शरिया) के तहत जुआ खेलने पर प्रतिबंध है.लकुछ कट्टरपंथी क्षेत्रों में ताश खेलना गुनाह माना जाता है.
उत्तर कोरिया में भी ताश का खेल प्रतिबंधित है. अफगानिस्तान के तालिबान के शासन में ताश, शतरंज, और इसी तरह के कई खेल गैर-इस्लामी माने जाते हैं. ईरान में भी जुए पर प्रतिबंध के कारण ताश के कई प्रकार के खेलों को खेलने की अनुमति नहीं है.
Tags: Game
FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 11:51 IST
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