गाज़ियाबाद पुलिस ने एडवोकेट संकेत कटारा को तुराब नगर मार्केट में रोका और उनकी आईडी दिखाने के बावजूद उनके साथ चोरों जैसा व्यवहार किया। एक इंस्पेक्टर संकेत की मोटर साइकिल के पीछे बैठा और उन्हें जबरन आधा किलोमीटर दूर ले गया, जहां पहले से ही कुछ और पुलिसवाले मौजूद थे। संकेत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि किस तरह से भरे बाजार के बीच चालान काटने की जिद पर अड़े पुलिसकर्मियों ने उनके साथ किसी अपराधी की तरह व्यवहार किया।
यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है। गाजियाबाद में पुलिस अक्सर चालान के नाम पर या पैसे वसूलने के लिए आम लोगों को परेशान करती है। पुलिस की इस मनमानी पर कोई रोक-टोक नहीं है। गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते और कभी अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलते।
इस तरह की घटनाएं आम जनता के बीच पुलिस के प्रति अविश्वास और असंतोष को बढ़ावा देती हैं। पुलिस का काम जनता की सुरक्षा और सेवा करना है, लेकिन गाजियाबाद में पुलिस की मनमानी और भ्रष्टाचार ने इस विश्वास को तोड़ दिया है।
गाजियाबाद के नागरिकों को इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की सीमा तय करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
यह देखिए घटना का वीडियो
ये है थाना कोतवाली @ghaziabadpolice जो कि एक युवा पढ़े लिखे अधिवक्ता के साथ चालान काटने के नाम बदमाशो की तरह सलूक करती है और वीडियो बनाने पर उसका फोन भी छीन लिया जाता है @myogiadityanath @UPGovt @dgpup @Uppolice संज्ञान ले @UPTakOfficial @News18UP @ANI @TV9UttarPradesh @ABPNews pic.twitter.com/XCzvZ4goG0
— Adv Sanket Katara (@sanket_katara) November 8, 2024
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