-22 सालों से दिल्ली-एनसीआर में मचा रखा था तहलका, 7 साल जेल काटने के बाद भी नहीं छूटी आदत
गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में फैक्ट्रियों के गार्डों को बंधक बनाकर लूट व डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले 25 हजार इनामी गिरोह के सरगना को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया सरगना पिछले एक दो वर्ष नहीं बल्कि 22 वर्षों से लगातार लूट, चोरी और डकैती की वारदातों को अंजाम देता आ रहा था। पकड़े गए आरोपी ने 7 सितंबर को जूट मिल कम्पाउण्ड पटेल मार्ग निवासी हरजिन्द्र सिंह की एसपी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वर्क्स कम्पनी में अपने साथियों के साथ मिलकर गार्ड को बंधक बनाकर कंपनी का ताला तोड़कर कॉपर वायर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें दो आरोपी को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। मगर गिरोह का सरगना लगातार फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
लोहिया नगर स्थित अपने कार्यालय में गुरुवार को लूट की घटना का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने 25 हजार इनामी नदीम उर्फ कल्लू उर्फ नूर मोहम्मद उर्फ आकाश को हमदर्द चौराहा लोहिया नगर से गिरफ्तार किया है। जिसके पास से लूट का 52.100 किलोग्राम कॉपर वायर और बाइक बरामद किया गया। उन्होंने बताया नदीम अनपढ़ है और कपड़े की फेरी लगाता था। मगर उसमे ज्यादा मेहनत और आमदनी कम होने के कारण वर्ष 2002 में पहली बार केशवपुरम दिल्ली में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें इन्हें काफी माल मिला था। उसके बाद वह धीरे-धीरे घरों में व वाहनों की चोरी करने लग गए। फिर इसने अपना एक चोरों का गैंग बना लिया। वर्ष 2005 में इसने खजूरी खास दिल्ली में पहली बार अपने साथियों के साथ डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें वह अपने साथियों के साथ जेल गया था। जेल से छूटने के बाद फिर से वारदातों को अंजाम देने लगा। वर्ष 2010 में शाहदरा दिल्ली सें मकोका एक्ट के अंतर्गत भी जेल गया था।
जेल में 7 वर्ष बिताने के बाद जमानत मिलने पर जब बाहर आया तो कुछ दिन बार फिर से दिल्ली-एनसीआर में फिर से चोरी, लूट व डकैती की वारदातों को अंजाम देने लगा। इसके बाद अपने साथियों के साथ 7 सितंबर को थाना सिहानीगेट क्षेत्र में गार्ड को बंधक बनाकर लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। घटना से पहले नदीम उर्फ कल्लू या इसके साथी कबाड़ की फेरी आदि करके पहले रैकी करते है फिर रात में एक जगह इक_ा होकर मोबाईल स्विच ऑफ करके घटना को अंजाम देते थे। वारदात को अंजाम देने के बाद जो भी रुपये मिलते उसे आपस में बांट लेते थे। सूचना या रेकी करने वाले को 10 हजार रुपये अलग से देते थे। अपने-अपने हिस्से में आये रुपये से यह लोग महंगे शौक और खर्च पूरा करते थे। एडीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जिसके आधार पर टीम बनाकर माल बरामदगी और गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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