दिल्ली में वायु प्रदूषण
– फोटो : अमर उजाला
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हवा की दिशा और रफ्तार में कमी के बाद प्रदूषण की मार उत्तर भारत पर देखने को मिल रही है। ज्यादातर जगहों पर वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कगार पर है।
राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के पांच प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार पहुंच गया है। सबसे खराब स्थिति राष्ट्रीय राजधानी की है, जहां औसत हवा गुणवत्ता रविवार को गंभीर श्रेणी के करीब 382 पहुंच गई है। यह देश में सबसे अधिक है। एनसीआर में नोएडा 313 एक्यूआई के साथ दूसरे नंबर पर रहा।
दिल्ली के अलावा उत्तर भारत के जिन प्रमुख शहरों में एक्यूआई 300 से अधिक रहा, उनमें हरियाणा का बहादुरगढ़ (335) व सोनीपत (321), यूपी का मुजफ्फरनगर (302) व राजस्थान का श्रीगंगानगर (327) शामिल है। दिल्ली में आनंद विहार में सुबह नौ बजे एक्यूआई 532 दर्ज किया गया।
यहां औसत एक्यूआई 436 रहा, जबकि चार अन्य केंद्रों अशोक विहार में 421, जहांगीरपुरी में 414, द्वारका सेक्टर 8 में 410 और बवाना में एक्यूआई 405 दर्ज किया गया। आनंद विहार समेत 14 इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। ओखला विहार समेत 20 इलाकों में एक्यूआई 300 के पार रहा। प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी हो रही है।
दो दिन बेहद खराब रहेगी हवा
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार तक राष्ट्रीय राजधानी में हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी। रविवार को हवा की गति 5 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे रही। अगले दो-तीन दिन भी यही स्थिति बने रहने से हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद कम ही है। वहीं, सुबह के समय हल्की धुंध छाए रहने की आशंका है।
एनसीआर की भी हवा खराब
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रमुख चार शहरों में प्रदूषण की स्थिति कुछ बेहतर रही। इसके बावजूद, तब भी यह खराब श्रेणी में ही दर्ज की गई।
- गाजियाबाद में एक्यूआई 290, गुरुग्राम में 281, फरीदाबाद में 250 और ग्रेटर नोएडा में 248 एक्यूआई दर्ज किया गया।
पीयूसी न रखने वाले 54,000 वाहनों पर जुर्माना
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में 15 से 31 अक्तूबर के बीच वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले मानकों को लागू करने में विफल रहने पर 56 निर्माण और विध्वंस स्थलों को बंद किया गया है, जबकि 597 स्थलों पर जुर्माना लगाया गया है। इस दौरान वैध प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (पीयूसी) नहीं रखने वाले 54,000 वाहनों पर भी जुर्माना लगाया गया और उम्र की सीमा पार कर चुके 3,900 वाहनों को जब्त किया गया।
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए गठित केंद्रीय पैनल वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि पूरे एनसीआर में अवैध डंपिंग साइटों के लिए 5,300 से अधिक गहन निरीक्षण किए गए।
मानकों के उल्लंघन, विशेष रूप से ठोस कचरा जलाने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई। सड़क पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पूरे एनसीआर में सड़क साफ करने वाली मशीन, जल छिड़काव करने वाले वाहनों, धुंध रोधी गन को लगाया गया है। पूरे एनसीआर में प्रतिदिन औसतन 600 जल छिड़काव वाले टैंकर और धुंध रोधी गन का उपयोग किया जा रहा है।
औद्योगिक इकाइयों-डीजल जनरेटरों का निरीक्षण
सीएक्यूएम ने बताया कि उक्त अवधि में 1,400 औद्योगिक इकाइयों और 1,300 डीजल चालित जनरेटरों का भी निरीक्षण किया गया। प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया गया या उन्हें बंद कर दिया गया। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) का पहला चरण और 22 अक्तूबर से दूसरा चरण लागू है। आयोग ने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से जीआरएपी के दोनों चरणों के तहत व्यापक और लक्षित कार्रवाई की जा रही है।
पंजाब : पराली जलाने के कुल 4,132 मामले
पंजाब में रविवार को पराली जलाने के 216 मामले सामने आए। पंजाब रिमोट सेंसिंग केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच राज्य में पराली जलाने के कुल 4,132 मामले सामने आ चुके हैं।
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