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छठ पूजा 2024
– फोटो : amar ujala

विस्तार


लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दिल्ली के प्राकृतिक जल स्रोतों के साथ बड़ी संख्या में कृत्रिम घाट बन रहे हैं। इन सबके बीच दिल्ली की हाईराइज सोसाइटियों व पॉश कॉलोनियों में भी तैयारियां चल रही हैं। यहां छठ पूजा के लिए स्विमिंग पूल को साफ-सुथरा किया जा रहा है। वहीं, बाथ टब में भी सूर्यदेव को अर्घ्य देने की तैयारी है। कोविड के दौरान से इस तरह का चलन बढ़ा है, जो लोग यमुना घाट पर नहीं पहुंच सकेंगे वे इन्हीं जगह पर शरीक होंगे। घाट पर छठ पर्व के दौरान मेले जैसा माहौल रहेगा ही, साथ ही सोसाइटियों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी।

उत्तरी दिल्ली के डीडीए सोसाइटी सिग्नेचर अपार्टमेंट की बात करें तो यहां के स्विमिंग पूल को विशेष तौर पर व्रतियों के लिए सजाया जाता है। सोसाइटी में मौजूद पूल को पवित्र घाट में तब्दील करने की तैयारी चल रही है। इसी तरह मुखर्जी नगर स्थित एसएफएस सोसाइटी के मंदिर में भी व्रतियों के साथ महिलाएं इकट्ठा होकर छठी मैया की पूजा अर्चना करती हैं।

स्थानीय निवासी कुमार गौतम का कहना है कि दिल्ली सरकार की तरफ से कई कृत्रिम घाट पर आयोजन तो किया ही जाता है, साथ ही सोसाइटी में भी छठ पूजा के आयोजन के लिए सहयोग सरकार की तरफ से रहता है, ताकि हर जगह और हर स्थान पर पूर्वांचल के लोग इस विशेष आस्था वाले पर्व को मना सकें। वहीं, पालम के महावीर इन्क्लेव के नितेश सिन्हा ने बताया कि हमारी काॅलोनी में पूल नहीं है। ऐसे में कई लोग छठ पर्व मनाने के लिए बाथ टब का सहारा लेंगे।

पूर्वांचलियों के पर्व में केरल का सांस्कृतिक बैंड भी रहेगा

पूर्वांचलियों के इस विशेष पर्व में अब हर राज्य के लोगों की भागीदारी दिल्ली में दिखाई पड़ती है। इस साल सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में बनाए गए कृत्रिम घाट के किनारे केरल के सांस्कृतिक बैंड की धुन भी सुनाई पड़ेगी। देर शाम पूर्वांचली गायक भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे। अमरेंद्र कुमार राकेश ने बताया कि स्विमिंग पूल को पवित्र गंगा जल डालकर सबसे पहले शुद्ध किया जाता है और फूलों की सजावट की जाती है। पानी में गुलाब की पंखुड़ियों डाली जाती हैं। खासतौर पर ध्यान दिया जाता है कि व्रतियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो।

कोविड के बाद इस तरह का बढ़ा चलन

कोविड-19 के बाद इस तरह से पूजा आयोजित करने का खास चलन बढ़ा है। यमुना घाट पर अधिक भीड़ होने की वजह से कई बुजुर्ग महिलाएं वहां तक का रास्ता तय नहीं कर पाती हैं। इस वजह से घर की छतों पर भी बाथ टब रखकर पूजा-अर्चना दिल्ली में लोग करते हैं। कई लोग अपने घर के सामने ही छोटा सा कृत्रिम घाट बना लेते हैं और वहां की सभी महिलाएं इकट्ठा होकर इस पूजा में शरीक होती हैं। सभी लोग मिलजुल कर इस त्योहार को मनाते हैं। सोसाइटी में सजावट की जाती है। सेल्फी पॉइंट्स भी रहता है।

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