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मुंबई20 मिनट पहले

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना शिंदे गुट की नेता और मुंबादेवी सीट उम्मीदवार शाइना एनसी पर अभद्र टिप्पणी की है।

सावंत से शुक्रवार को शाइना एनसी के चुनाव लड़ने पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा- हमारे यहां चुनाव में इम्पोर्टड माल नहीं चलता है। इसके जवाब में शाइना ने X पर पोस्ट करते हुए कहा- मैं महिला हूं, माल नहीं।

एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने शाइना एनसी को मुंबादेवी सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार और सिटिंग विधायक अमीन पटेल से होगा

शाइना एनसी पेशे से फैशन डिजाइनर हैं। वे मुंबई के ग्लैमर वर्ल्ड की चर्चित हस्ती हैं। शिवसेना से टिकट घोषित होने के बाद शाइना ने बीजेपी छोड़ दी थी। वे भाजपा की प्रवक्ता भी थीं।

भाजपा बोली- सावंत का बयान पीड़ादायक सावंत के विवादित बयान के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा- सावंत के बयान को देख-सुनकर मैं दुखी हूं। किसी राजनीतिक महिला के लिए इस तरह की टिप्पणी बहुत पीड़ादायक है। ये शेमफुल और निंदनीय है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।

सावंत बोले- शाइना के खिलाफ लड़ने वाले अमीन पटेल 3 बार चुनाव जीत चुके हैं

  • महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग पर अनबन और बाद में सहमति बनने पर अरविंद सावंत ने कहा- इतनी बड़ी पार्टियां एक साथ आ गई हैं, यही बड़ी बात है। छोटा-मोटा मनमुटाव चलता रहता है। आप लोग बात का बतंगड़ बना देते हैं। गांधी जी से लेकर शिवाजी तक नॉमिनेशन में आए हैं।
  • शाइना NC के खिलाफ महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अमीन पटेल तीन बार अपने बल पर चुनकर आया है। अगर संविधान की बात फेक नेरेटिव है तो भाजपा जो आज कर रहे हैं, वो संविधान से खिलवाड़ है और वो अभी बंद नहीं हुआ है।
  • हिंदू-मुस्लिम के बीच भाजपा दीवार खड़ी कर रहे हैं। अगर कुछ काम किया है तो वो बताओ। काम तो कुछ नहीं किया है, इसलिए नया नेरेटिव सेट करना चाह रहे हैं। हम लोग तो गरीबों से जुड़े हैं।
  • मिलिंड देवड़ा के वर्ली सीट से चुनाव लड़ने पर सावंत ने कहा- मुझे उनकी उम्मीदवारी पर तरस आ रहा है। उनके पिता जीवनभर कांग्रेसी रहे। वो रोजाना अपनी पार्टी और रुख बदल रहे हैं। राज्यसभा सांसद होने के बावजूद चुनाव लड़ रहे हैं। कोविड में कहां थे? पहले ये तो पूछना चाहिए। तब पता चलेगा कि जनता से जुड़े हैं कि नहीं।

झारखंड के मंत्री ने भाजपा नेता सीता सोरेन को रिजेक्टेड माल कहा था अरविंद सावंत से पहले झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता इरफान अंसारी ने ऐसा ही विवादित बयान दिया था। उन्होंने 26 अक्टूबर को नामांकन फाइल करने के बाद भाजपा नेता सीता सोरेन को रिजेक्टेड माल कहा था।

इस पर सीता सोरेन ने कहा था- अंसारी ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी। पहले भी उन्होंने मेरे बारे में व्यक्तिगत बातें बोली हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। इरफान अंसारी माफी मांगिए, वरना उग्र विरोध के लिए तैयार रहिए।

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर…

लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं।

लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

विधानसभा चुनाव- 2019

  • 2019 में BJP-शिवसेना गठबंधन था। बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
  • 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
  • 28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), NCP (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई।
  • इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है। पूरी खबर पढ़े…

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