इससे पहले 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ अश्विन को घरेलू टेस्ट मैच में सिर्फ 1 विकेट मिला था. उस टेस्ट मैच में अश्विन ने सिर्फ 5 ओवर गेंदबाजी की क्योंकि मैदान पर तेज गेंदबाजों को बोलबाला था. पर अश्विन ने बंगलुरु में गेंदबाजी भी खूब की पर उनके हाथ निराशा ही लगी.टेस्ट क्रिकेट में 35 बार एक पारी में पांच विकेट ले चुके अश्विन के लिए ये किसी सदमें से कम नहीं था.
रचिन रवींद्र को रोकने की चुनौती
बैंगलुरु में जिस तरह से रचिन रवींद्र ने अश्विन को खेला उससे एक बात तो साफ है कि अश्विन भले ही 250 से ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाजों को अउट कर चुके हो पर उनके लिए पुणे में मुकाबला आसान नहीं होगा. बैंगलुरु में रचिन ने कुल 95 गेंदें स्पिन गेंदबाजो की खेली और रन बनाए 101.जिसमें अश्विन की 30 गेंदो पर 35 रन बने. रचिन इसलिए भी अश्विन के लिए चुनौती बने है क्योंकि वो फुटवर्क का बेहतर इस्तेमाल कर रहे है. बैंगलुरु में रचिन ने कुल 173 रन बनाए जिसमें 112 रन फ्रंटफुट से बने. 22 रन रचिन ने क्रीज से बाहर निकल कर बनाए.
अश्विन को चाहिए आत्मविश्वास
एक स्पिन गेंदबाज के लिए परेशानी तब बढ़ जाती है जब सामने वाला बल्लेबाज स्वीप शॉट खेलने के साथ साथ कमाल का फुटवर्क रखता हो. ऐसे में अश्विन गेंद को हवा में जितना स्पिन कराकर रोक पाए उतना कारगर होगा. प्रेक्टिस सेशन के दौरान आज अश्विन काफी देर तक सिंगल विकेट गेंदबाजी का अभ्यास करते नजर आए जिसमें वो काफी देर तक गेंद को फ्लाइट और लूप देने पर काम करते रहे. अश्विन की ये मेहनत इस बात की तरफ इशारा भी कर रही है कि चुनौती बड़ी है और उनका इस चैलेंज को पार करना उतना ही अहम.
Tags: India vs new zealand, R ashwin, Rohit sharma, Team india, Virat Kohli
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