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एमसीडी मुख्यालय
– फोटो : अमर उजाला

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नया मेयर इस माह भी नहीं मिलेगा। मेयर शैली ओबरॉय ने इस माह होने वाली सदन की बैठक में मेयर का चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया है। जबकि एमसीडी ने मेयर चुनाव कराने के लिए उनके पास फाइल भेजी थी। 

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इसके अलावा दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पत्र भेजकर शैली ओबरॉय से जल्द मेयर चुनाव का निवेदन किया था। वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मेयर चुनाव नहीं कराए जाने पर 15 दिन में रिपोर्ट मांग रखी है।

लिहाजा माना जा रहा था कि इस माह मेयर चुनाव हो जाएगा, मगर मेयर ने 28 अक्तूबर को सदन की बैठक बुलाई है, मगर उन्होंने इस बैठक में मेयर चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया है। एमसीडी नेे गत शुक्रवार को शैली ओबराय के पास अक्तूबर माह की सदन की बैठक की तिथि करने और उसकी कार्यसूची में विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ मेयर चुनाव का प्रस्ताव भी शामिल करने की स्वीकृति लेने के लिए फाइल भेजी थी। उन्होंने एक सप्ताह बाद शुक्रवार को एमसीडी की फाइल पर निर्णय लिया। उन्होंने 28 अक्तूबर को सदन की बैठक बुलाने का निर्देश दिया, मगर उन्होंने इस बैठक में मेयर चुनाव कराने की स्वीकृति नहीं दी। 

एमसीडी पहल नहीं करेगी : एमसीडी नेे वार्ड समितियों व सदन सेे स्थायी समिति के एक सदस्य के उपचुनाव की भांति मेयर चुनाव नहीं कराए जाने के संबंध में उपराज्यपाल को रिपोर्ट नहीं देने का निर्णय लिया है। एमसीडी के अनुसार, उपराज्यपाल के तलब करने पर अपनी रिपोर्ट देगी। इस तरह इस माह मेयर चुनाव का मामला उपराज्यपाल के रुख पर निर्भर करेगा। संभवत वह भी इस मामले में हस्तक्षेप न करें, क्योंकि मेयर ने वार्ड समितियों के चुनाव व सदन सेे स्थायी समिति के एक सदस्य का उपचुनाव कराने के लिए उपराज्यपाल की ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।

गरमाई दिल्ली की राजनीति

इस वर्ष मेयर चुनाव न होने पर दिल्ली की राजनीति गरमाई हुई है। इस मामले में भाजपा व आम आदमी पार्टी एक-दूसरेे को दोषी ठहरा रही है, जबकि कांग्रेस ने इस मामले में दोनों पार्टियों पर दलितों का हक छीनने का आरोप लगाया है।

इस वर्ष मेयर पद एससी पार्षद के लिए आरक्षित

इस वर्ष मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है। लिहाजा अप्रैल माह से अनुसूचित जाति के पार्षद मेयर बनने का इंतजार कर रहे है। दरअसल उस समय मुख्यमंत्री के जेल में बंद होने के कारण दिल्ली सरकार ने एमसीडी की ओर सेे मेयर का चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की भेजी गई फाइल तय प्रक्रिया के बजाए सीधे उपराज्यपाल के पास भेज दी थी। इस कारण उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से मना कर दिया था। 

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