Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में प्रदूषण को देख कर GRAP-1 लागू किया गया, जानें किन चीजों पर प्रतिबंध?
– फोटो : Self
विस्तार
राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के साथ ही ग्रैप का पहला चरण लागू हो गया है। ऐसे में तमाम एजेंसियां प्रदूषण की रोकथाम करने के लिए तमाम दावे कर रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर नियम लागू होते नहीं दिख रहे हैं। आलम यह है कि प्रदूषण के हॉटस्पॉट में ही ग्रैप के नियमों की अनदेखी की जा रही है। निर्माण स्थलों के बाहर न तो कोई एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल हो रहा है और न ही धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। ऐसे में सड़कें धूल-मिट्टी से पटी हैं। इससे लोगों को मजबूरन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अमर उजाला संवाददाता आशीष सिंह ने बुधवार को पड़ताल की तो नियमों को धज्जियां उड़ती दिखीं। पेश है रिपोर्ट…
खुले में पड़ी मिट्टी
द्वारका सेक्टर-दो की मुख्य रेड लाइट के पास खुले में निर्माण सामग्री फैली हुई है। साथ ही, सड़कों के दोनों ओर मिट्टी के बड़े-बड़े टीले बन गए हैं। इन्हें न तो ढका गया है और न ही इसे हटाया जा रहा है। हवा चलते ही धूल उड़ने लगती है। लोगों को धूल के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आसपास जर्जर सड़क होने से यहां दिनभर धूल उड़ती रहती है। निवासी एनडी सिंह ने बताया कि पूरी सड़कें जर्जर है। यहां से जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। सरकार प्रदूषण को रोकने के दावे कर रही है, लेकिन कुछ होता नजर नहीं आ रहा है।
निर्माण सामग्री से जिंदगी दूभर
आरके पुरम हॉटस्पॉट के अंतर्गत आने वाले सरोजिनी नगर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया मार्ग में खुले में निर्माण सामग्री चढ़ाई व उतारी जाती है। साथ ही, खुदाई के बाद मिट्टी खुले में रखी जाती है। इससे पैदल राहगीरों का निकलना दूभर हो गया है। दोपहिया चालकों को भी उड़ती धूल का सामना करना पड़ रहा है। जैसे ही यहां से कोई वाहन गुजरता है, धूल का गुबार उड़ने लगता है। बाजार में आने वाले लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि यहां किसी तरह के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब कुछ किलोमीटर दूरी पर प्रधानमंत्री आवास है। चाणक्यपुरी इलाके के आसपास कई देशों के दूतावास भी हैं। निवासी सुजीत गुप्ता ने बताया कि जब से यहां निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से धूल ही धूल है। इससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।
घंटों का जाम, बढ़ा रहा प्रदूषण
आनंद विहार बस अड्डे के पास यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती न होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। मिनटों का सफर घंटों में तय होता है। शाम के समय यह स्थिति और बिगड़ जाती है। वाहनों के धुएं व धूल के गुबार से लोगों को कुछ मीटर की दूरी भी नहीं नजर आती है। राहगीर रोहित सक्सेना ने बताया कि वे रोजाना इसी रास्ते से काम के लिए आते-जाते हैं। सबसे अधिक दिक्कत दोपहिया वाहन चालकों को होती है। धुएं से सांस लेने में तकलीफ होती है तो मिट्टी आंखों में चली जाती है। कोई भी इससे निजात दिलाने को तैयार नहीं है।
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