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अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में छोटी दीपावली  30 अक्टूबर को मनायी जाएगी, लेकिन मुख्य दीपावली को लेकर धर्ननगरी अयोध्या में ही कंफ्यूजन है. जहां एक तरफ देश के काशी और मथुरा में 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. तो वहीं अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और अयोध्या के ज्योतिषी में ही मतभेद देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं खास बात यह है कि राम मंदिर ट्रस्ट भी दीपावली को लेकर कन्फ्यूज है और ज्योतिषी  से राय मशविरा कर रहा है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को भगवान प्रभु राम 14 साल का वनवास और लंका पर विजय प्राप्त कर अपनी जन्म भूमि अयोध्या लौटे थे. जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने प्रभु राम की दीप माला जलाकर उनका स्वागत किया था. खास बात यह है कि भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भी पूरे विधान से पूजा अर्चना दीपावली के दिन की जाती है, लेकिन इस बार दीपावली को लेकर कई तरह के भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है.

हिंदू पंचांग के मुताबिक दीपावली का पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस बार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर दोपहर 3:52 पर शुरू हो रही है जिसका समापन 1 नवंबर को शाम 5:30 पर होगा. ऐसे में अमावस्या तिथि के आधार पर काशी के विद्वान दीपावली की तारीख को 31 अक्टूबर बता रहे हैं, तो वहीं राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास 1 नवंबर को दीपावली मनाने की बात कर रहे हैं.

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि दीपावली का पर्व पत्रा के हिसाब से मनाया जाता है. पत्रा के हिसाब से दीपावली 1 नवंबर को मनाना चाहिए और अयोध्या में इस वर्ष  दीपावली दिव्यता के साथ मनाई जाएगी. जिस उत्साह के साथ त्रेता युग में प्रभु राम के अयोध्या आगमन में दीपावली मनाई गई थी. वैसे ही इस वर्ष भी मनाई जाएगी. मथुरा और काशी में दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो अयोध्या में एक नवंबर को मनाई जाएगी.

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने बताया कि ग्रह नक्षत्र की चाल का जो परिवर्तन है उसके हिसाब से 31 अक्टूबर को शाम को 3:52 पर अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है, जो आगामी 1 नवंबर को शाम 5:30 तक रहेगी. अमावस्या की रात्रि में ही दीपदान का महत्व है. 31 तारीख की रात्रि में अमावस्या तिथि मिल रही है और उदया तिथि में अमावस्या 1 नवंबर को है. इस वजह से दीपावली इस वर्ष दो दिनों तक मनाई जाएगी. दोनों दिन दीपावली मनाए जाने पर कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा. लेकिन इसी अयोध्या में जब परिक्रमा लगती है शाम को 5:00 बजे अगर एकादशी तिथि लगी है, तो पांच ही बजे परिक्रमा उठ जाती है. तब उदया तिथि नहीं देखा जाता. इस वजह से अगर दीपावली विधि विधान से मनाई जाए तो 31 अक्टूबर की रात्रि में दीपावली मनाना उत्तम रहेगा और अगर उदया तिथि में देखा जाए तो दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी. लेकिन लक्ष्मी पूजन का विधान 31 तारीख की रात्रि में है.

वहीं राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने कहा कि राम मंदिर में दीपावली कब मनाई जाए इसके लिए धार्मिक विद्वानों से इस बारे में विचार विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा.  संपत राय ने कहा कि इसका निर्णय ट्रस्ट नहीं करेगा यह ज्योतिषी के अनुसार तय किया जाएगा.

Tags: Ayodhya Deepawali, Diwali festival, Hindi news, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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