बाबा सिद्दीकी
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
मुंबई में एनसीपी(अजीत गुट) नेता बाबा सिद़्दीकी की हत्या की तैयारियां अगस्त महीने में शुरू हो गई थी। लारेंस-गोल्डी बरार के कहने पर जालंधर, हरियाणा निवासी मोहम्मद जीशान अख्तर उर्फ जेस्सी उर्फ सिकंदर को एनसीआर की नेता की हत्या के आदेश दिए गए थे। इसके बाद जीशान अख्तर ने अपना सिम बदल लिया था। जीशान अख्तर के अपराधी साथियों की बहुत लंबी लिस्ट हैं। इस लिस्ट में 22 शॉप शूटर हैं। लारेंस-गोल्डी बरार से निर्देश मिलने के बाद जीशान ने गुरमेल बलजीत सिंह को अपने साथियों से अलग शूटरों को इंतजाम करने को कहा था।
दिल्ली पुलिस की स्पशेल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार जीशान अख्तर कैथल जेल से कपूरथला गया। यहां से फिर पटियाला जेल गया था। पटियाला जेल से उसे जून महीने में जमानत मिल गई थी। इसके बाद अगस्त महीने में ये घर से गायब हो गया। अख्तर पहले 98888196— मोबाइल नंबर को इस्तेमाल कर रहा था। अगस्त महीने में उसने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया और उसके बाद घर ये गायब हो गया।
इस दौरान उसने अपने साथियों के साथ एनसीपी नेता व अन्य लोगों के घर व कार्यालयों की रेकी की। वह शूटरों के साथ एनसीपी नेता की हत्या के लिए शूटरों के साथ गया था। गुरमेल सिंह उसका खास साथी है। गुरमेल अख्तर के बिना कोई कदम नहीं उठाता है।
छह राज्यों के बदमाश उसके साथी हैं
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार जीशन अख्तर के छह राज्यों यूपी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा में साथी हैं। इनमें कई शातिर शॉर्प शूटर हैं। वह महराष्ट्र के सौरभ महाकाल(इस समय जेल में),राजस्थान के संदीप, अनिल शिवरान, दिनेश चौधरी, राहुल मीणा, विजय कोलड़, राजस्थान के जोधपुर के मनिक जाट, रोहित बिलाड, राठौर, उना, हिमाचल प्रदेश के अरुण कुमार व सुमित जयसवाल के संपर्क में ज्यादा रहता है। इसके अपराधी साथियों के संख्या 25 से ज्यादा बताई जा रही है।
दो तरह की पिस्टल का इस्तेमाल करता है
जीशान अख्तर .32 बोर व .30 बोर की पिस्टलों के इस्तेमाल करता है। उसे हथियार उना हिमाचल प्रदेश निवासी अरुण कुमार, कपूरथला, पंजाब निवासी अन्नू उर्फ पहलवान, हनुगढ़, राजस्थान निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार और मोहाली, पंजाब निवासी आकाशदीप सिंह पन्नू उर्फ पन्नू बदाला उपलब्ध करते थे। आरोपी चोरी की ब्रेजा कार व मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करता है। हालांकि वह ज्यादातर सार्वजनिक परिवहन सेवा और ट्रेन में जाना सुरक्षित समझता है।
ये लोग खर्चा उठाते हैं
लारेंस-गोल्डी के कहने पर राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार और मोहाली पंंजाब निवासी आकाशदीप सिंह पन्नू उर्फ पन्नू बदाला जीशान का खर्चा उठाते थे। ये लोग ही उसे हर चीज के लिए पैसा मुहैया कराते हैं। विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार एक समय उसका हैंडलर था। उसने विक्रमजीत के कहने पर हत्या की वारदातों को अंजाम दिया है। हालांकि बाद में विक्रमजीत लारेंस गिरोह से अलग हो गया। इसके बाद जीशान अख्तर सीधा लारेंस व गोल्डी बरार से जुड़ गया।
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