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हाइलाइट्सगया में पुलिसकर्मियों की लापरवाही का बड़ा मामला आया सामने. बिना पहचान किए हुए बिना मुस्लिम युवक का दाह संस्कार किया. लापरवाही में आईजी छत्रनील सिंह और एसपी ने की बड़ी कार्रवाई.

गया. बीते 27 सितंबर को करीमगंज के रहने वाले एक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद परैया थाना क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेज दिया था. इस दौरान जब किसी ने शव को शिनाख्त नहीं की तो उस बॉडी का दाह संस्कार कर दिया गया. हालांकि, 8 दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार ने किसी भी थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज नहीं कराया था. अब जब जानकारी मिली कि जिस शख्स का दाह संस्कार किया गया था वह मुस्लिम था और उसका नाम शहाबुद्दीन था. इस मामले में अब गया पुलिस ने कार्रवाई की है.
युवक की पहचान करने में अनियमितता बरतने के मामले में मगध क्षेत्र के आईजी छत्रनील सिंह ने परैया थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

बता दें कि इसके पहले एसएसपी ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले परैया थाना के एसआई कृष्ण कुमार गुप्ता और स्थानीय चौकीदार श्याम सुंदर पासवान को भी निलंबित कर दिया था. वहीं अब परैया थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए एसएसपी ने आईजी को अनुशंसा भेजी है और सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. दूसरी ओर इस मामले में पूरे अनुसंधान के लिए एसआईटी भी एसएसपी ने गठित कर दी है. इस मामले में टेकारी एसडीपीओ सुशील कुमार चंचल के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है. वहीं, दुर्घटना के मामले में विधिसम्मत मुआवजा प्रस्ताव भी जिला मुख्यालय को भेजा जा रहा है. वही इस मामले को लेकर पीड़ित के परिजनों ने डीएम से मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया है.

मुस्लिम युवक के दाह संस्कार का पूरा मामला जानिये
दरअसल, पूरा मामला यह है कि बीते 27 सितंबर को करीमगंज के रहने वाले मोहम्मद गुलाम हैदर के बेटे मोहम्मद साहब की मौत सड़क हादसे में मौत हो गई. परैया सड़क मार्ग के कोशदिहरा गांव के पास यह घटना हुई थी. घटनास्थल पर मोबाइल के साथ स्कूटी भी थी. इसके बावजूद परैया थाने के पुलिस ने शव की पहचान करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और शव को लावारिस स्थिति में मगध मेडिकल अस्पताल भेज दिया. जबकि, मृतक के मोबाइल या फिर स्कूटी के इंजन व चेचिस नंबर के आधार पर मालिक की पहचान की जा सकती थी, लेकिन इसमें लापरवाही बरती गई.

पुलिसवालों ने बिना शिनाख्त के दाह संस्कार करवाया
आरोप के अनुसार, शव मिलने के 72 घंटे बाद स्थानीय चौकीदार के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार भी करवा दिया गया. बाद में परिजनों ने युवक की खोजबीन शुरू की तो पता चला कि उसके बेटे का स्कूटी परैया थाना में लगा हुआ है, जब परिजन थाना पहुंचे और थाना अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने परिजनों से भी सही तरीके से बात नहीं की और दाह संस्कार कर देने की बात कही गई. इसके बाद परिजन नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि एक तो पुलिस ने जांच पड़ताल नहीं की और फिर मृतक के शव को दफनाए जाने के बदले उसे जला दिया गया.

मुस्लिम युवक के दाह संस्कार पर गया में हुआ था बवाल
वहीं, पुलिस उस समय हरकत में आई जब परिजन गुस्से में थे और रविवार को करीमगंज से हजारों की संख्या में लोग कैंडल मार्च निकालने वाले थे. इसकी जानकारी पुलिस को लगी तो आनंन-फानन में टिकरी एसडीपीओ गया सदर एसडीओ सहित कई अधिकारी मृतक के घर का करीमगंज पहुंचे और परिजनों को आश्वासन दिया कि इसमें लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.

Tags: Bihar police, Gaya news, Gaya news today

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