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हाइलाइट्सजयंत माहेश्‍वरी और उनकी पत्‍नी 8 साल तक अमेरिका व दुबई में रहे. कॉरपोरेट लाइफ बिताने के बाद उन्‍होंने भारत आकर बिजनेस शुरू किया. जयपुर की पारंपरिक डिजाइन को नए कलेवर में पेश कर सफलता पाई.

नई दिल्‍ली. कहते हैं बड़ी सफलता के लिए बड़ा जोखिम भी उठाना पड़ता है. जयपुर की इस सीए-इंजीनियर कपल की सफलता भी इसी तरह के डेरिंग फैसले पर आधारित है. यह कपल 8 साल तक अमेरिका में कॉरपोरेट लाइफ जीता रहा और नौकरी करता रहा. फिर उन्‍हें लगा कि कुछ अपना काम करना चाहिए. जयपुर निवासी इस कपल ने अपने नए बिजनेस को भी पुराने कलेवर में उतारने का मन बनाया और वापस इंडिया आ गए. थोड़ा मार्केट रिसर्च किया और फिर राजस्‍थान के पारंपरिक परिधान को नए ब्रांड और नए प्‍लेटफॉर्म के साथ बेचना शुरू किया. शुरुआत हमेशा मुश्किल होती है, लेकिन इस कपल ने कैसे मुश्किलों को हल करते हुए आज करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. सफलता की यह कहानी इसी बानगी को पेश करत है.

दरअसल, जयपुर निवासी जयंत माहेश्वरी और उनकी पत्नी छवि माहेश्वरी ने सांस्कृतिक धरोहर और इनोवेशन के संगम से ‘जयपुर फैब्रिक’ की नींव रखी. उन्‍होंने जयपुर की पारंपरिक कारीगरी को वापस लोगों के बीच परोसना शुरू किया. आज यह ब्रांड न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है. जयंत माहेश्वरी, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और एमबीए ग्रेजुएट रहे हैं जिन्होंने 2003 से 2011 तक यूएस और दुबई में कॉर्पोरेट जीवन बिताया. उनकी पत्नी छवि माहेश्वरी, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, वे भी उनके साथ रहीं. साल 2011 में वे दोनों भारत लौटे और जयपुर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और फैब्रिक डिजाइनों से प्रेरित होकर जयपुर फैब्रिक की शुरुआत की.

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कला और नवाचार का मिलन
जयपुर की पारंपरिक प्रिंट्स जैसे कि सांगानेरी और बगरू की कलाकारी सदियों से रजवाड़ों की पसंदीदा रही है. जयंत और छवि का उद्देश्य इन डिजाइनों को न केवल पुनर्जीवित करना था, बल्कि उन्हें इनोवेशन और एफिशिएंसी के साथ वैश्विक स्तर पर पहुंचाना था. उनके प्रोडक्ट्स का फोकस मुख्य रूप से होम डेकोर और फैशन सेक्टर पर है, जिसमें बेडशीट्स और मैट्रेस कवर भी शामिल हैं. जयंत कहते हैं, ‘हम चाहते थे कि लोग इन खास डिजाइनों का आनंद ले सकें, जो जयपुर की शान हैं.’

कैसे शुरू हुआ संघर्ष का सफर
जयंत और छवि ने अपनी सेविंग्स से 1 करोड़ रुपये का निवेश कर जयपुर फैब्रिक की शुरुआत की. बड़े खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद, उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और डिजाइन को ही यूएसपी (यूनिक सेलिंग प्रपोज़िशन) बनाया. शुरुआत में चुनौतियां बहुत थीं, खासकर बड़े प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स के बीच अपनी जगह बनाने की, लेकिन कस्टमर सैटिस्फैक्शन और गुणवत्ता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें बाजार में पहचान दिलाई.

ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म ने दिलाई सफलता
साल 2014 में जयंत ने अपनी वेबसाइट लॉन्च की और इसके बाद जयपुर फैब्रिक की पहचान फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर एक फीचर्ड ब्रांड के रूप में हुई. उन्होंने ऑनलाइन बिक्री के ज़रिए बेहतरीन वृद्धि दर्ज की, जिससे उनका राजस्व लगातार बढ़ता गया. साल 2022 में जयपुर फैब्रिक ने फ्लिपकार्ट के साथ जुड़कर 40% की शानदार ग्रोथ हासिल की, जिससे कंपनी की ऑनलाइन उपस्थिति और मजबूत हुई. जयंत बताते हैं कि वे लकी रहे जो उन्हे सही वक्त पर वॉलमार्ट का सहारा मिला, जिसने उनके प्रोडक्‍ट को आसानी से लोगों तक पहुंचाया. इससे कंपनी के कुल रेवेन्यू में 15-20% की वृद्धि हुई. पिछले साल जयपुर फैब्रिक ने 16 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल की.

अब सालाना कितने का कारोबार
जयपुर फैब्रिक के सीईओ जयंत माहेश्‍वरी का कहना है कि साल 2024 में उनकी कंपनी 22 फीसदी की दमदार ग्रोथ हासिली कर सकती है. वर्तमान में जयपुर फैब्रिक का औसत रिवेन्यू लगभग 48 लाख प्रति रुपये माह यानी सालाना करीब 6 करोड़ रुपये है. कंपनी में अभी 20 स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि 50 कारीगर और मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है. जयपुर में कंपनी के 3 वेयरहाउस हैं. इसके अलावा अमेरिका व यूके में भी स्टोरेज सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जिससे उनकी उत्पादों की वैश्विक पहुंच सुनिश्चित हो सके.

क्‍या है आगे की रणनीति
जयंत बताते हैं, ‘हम Mercedes या BMW की तरह नहीं हैं, लेकिन Maruti 800 भी नहीं हैं. हम Honda City की रेंज में आते हैं.’ उनकी कंपनी का फोकस 25 से 65 साल की महिलाओं पर है, खासकर जो टियर 1, टियर 2, और टियर 3 शहरों में रहती हैं और अपने घर को सजाने में रुचि रखती हैं. हमारे ग्राहकों को गुणवत्‍ता सबसे ज्‍यादा पसंद है और यही हमारा ब्रांड उन्हें देता है. कोई भी नया बिजनेस शुरू करना है तो क्‍वालिटी सबसे खास है. शुरुआत में आपको उतनी सफलता नहीं मिलेगी, लेकिन लांग टर्म में आप ही बाजार के खिलाड़ी होंगे.’

Tags: Business ideas, Business news, Success Story, Successful business leaders

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