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-मुख्यमंत्री को एक्स पर लिखा, पुलिस साधुओं को दे रही गाली
-लोनी विधायक ने अपने समर्थकों के साथ एनएच-9 हाईवे पर ही शुरु की पंचायत

गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद की मोहम्मद पैगंबर पर की गई टिप्पणी से उपजे विवाद के बाद रविवार को उनके समर्थकों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की ओर से डासना देवी मंदिर में बुलाई गई हिंदू महापंचायत को पुलिस ने नहीं होने दिया। मंदिर जाने वाले रास्ते पर लगाई बैरिकेडिंग हटाने और टकराव की स्थिति बन जाने के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर लाठी भांजी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक्स पर यति नरसिंहानंद ने लिखा की पुलिस साधुओं को गाली दे रही है। आक्रोशित समर्थकों और कार्यकर्ताओं व भीड़ ने जबरन बैरिकेड हटाकर मंदिर की तरफ जाने का प्रयास किया, ताकि महापंचायत का आयोजन कर सकें। पुलिस ने भीड़ में शामिल लोगों को चेतावनी दी।

भीड़ में शामिल लोग जब नहीं मानें और उन्होंने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड हटा दिए तो पुलिस फोर्स ने लाठीचार्ज करते हुए दौड़ा-दौड़ा कर लाठी भांजी। जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। लाठी चार्ज में कई लोग घायल हुए हैं। मुजफ्फरनगर से आए रचित त्यागी की पुलिस ने ज्यादा पिटाई किए जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका कुछ नहीं पता चला। इसके अलावा हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और पुलिस मेें नोकझोंक और तकरार भी हुई। इसी बीच पुलिस ने 65 लोगों को हिरासत में ले लिया। इन्हें लेेकर पुलिस लाइन पहुंची। हिंदू महापंचायत बुलाए जाने के ऐलान को देखते हुए पुलिस ने डासना के इस पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया था। पुलिस के अलावा पीएसी जवान पहले से तैनात कर दिए गए थे।

हिंदुओं की अस्मिता पर हमला करने वालों पर लगाया जाए एनएसए
पुलिस ने जब महापंचायत में शामिल नहीं होने दिया तो लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गूर्जर अपने समर्थकों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ एनएच-9 पर ही बैठ गए। उन्होंने हाईवे पर ही पंचायत शुरू कर दी। इस पंचायत में विधायक ने रोहिंग्याओं को देश से बाहर खदेड़ने, मंदिर पर हमला करने वाले जिहादियों पर एनएसए लगाने के साथ ही धार्मिक स्थलों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन के लिए कानून बनाने की मांग की गई। पंचायत के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि वायसराय ने मंदिर पर हमला होने से पहले इतनी पुलिस वहां लगाई होती तो मंदिर पर हमला नहीं होता। विधायक ने कहा कि पुलिस कमिश्नर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की जाए। विधायक नंद किशोर ने कहा कि हिंदुओं की अस्मिता पर हमला करने वालों पर एनएसए लगाकर उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। महापंचायत में लिए गए निर्णय के अनुसार, भारत में रहने वाले 10 करोड़ रोहिंग्या बांग्लादेशियों को निकाला जाना चाहिए, जिन्हें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में वोट के लिए बसाया है।

उन्होंने कहा कि मंदिरों और हिंदुओं की अस्मिता पर हमला करने वालों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और कम से कम मृत्यु दंड की सजा दी जानी चाहिए। हमनें केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह कठोर कानून बनाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों को भी मृत्यु दंड की सजा मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि समाज ने एक सप्ताह का समय दिया है और उच्च अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के अनुसार समाज एक सप्ताह बाद इस पर निर्णय लेगा। इसके बाद समाज का निर्णय लेने पर लोग पीछे हटने वाले नहीं हैं। पंचायत में यह तीन प्रस्ताव पास किए गए। विधायक अपने समर्थकों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ रविवार को एनएच-9 पर सुबह करीब 11:30 बजे पहुंचे थे। पुलिस ने भीड़ को मंदिर जाने से रोक दिया था ओर विधायक को चंद समर्थकों के साथ मंदिर जाने की इजाजत दी थी।

3 घंटे तक हाईवे पुलिस बल के साथ हंगामा और चली नोंकझोंक
हाईवे पर करीब 3 घंटे तक पुलिस बल के साथ हंगामा और नोंकझोंक चलती रही। मौके पर पहुंचे एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी.ने भीड़ को काफी समझाने की कोशिश की। उन्होंने मंदिर पर हमला करने वाले उपद्रवियों पर भी सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद विधायक नंदकिशोर ने पुलिस को उपद्रवियों पर सख्त ऐक्शन के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी और मौके से करीब डेढ़ बजे चले गए। एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी. ने कहा कि कमिश्नरेट में धारा-163 लागू किए जाने की वजह से किसी भी धरना-प्रदर्शन या महापंचायत की इजाजत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो भी कानून तोड़ेगा,उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिना अनुमति के लोग इकट्ठा हुए हैं तो इस मामले में भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। कुछ को समझाकर वापस भेजा गया। वहीं,विधायक नंदकिशोर को पुलिस हिरासत में नहीं ले पाई। इसलिए वह बचकर निकल गए।

महापंचायत तो छोड़िए, पंचायत भी नहीं होने दी गई
डासना देवी मंदिर में हिंदू संगठनों और विधायक नंदकिशोर समेत अन्य संगठनों द्वारा महापंचायत को पुलिस ने नहीं होने दिया। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बगैर अनुमति के महापंचायत नहीं होने दी जाए। पुलिस कमिश्नर ने पहले ही कहा था कि महापंचायत तो छोडि़ए, पंचायत भी नहीं होने दी जाएगी। रविवार को डासना में कुछ ऐसा ही हुआ। भारी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी के जवानों ने महापंचायत नहीं होने दी। महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए यूपी के अलावा उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान से बड़ी तादाद में साधु संत एक दिन पहले शनिवार को ही पहुंच गए थे। मगर पुलिस की सख्ती की वजह से महापंचायत रविवार को डासना मंदिर में नहीं हो सकी। लोनी विधायक समेत हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों पर तमाम आरोप लगाए। उन्होंने डासना मंदिर के बाहर इकटठा होकर प्रदर्शन करने वाले लोगों पर एनएसए की मांग की। करीब डेढ़ बजे सभी लोग अपने अपने घरों को लौटे। पुलिस ने अलसुबह ही डासना मंदिर की ओर जाने वाले वाले रास्तों को बेरिकेड लगाकर बंद कर दिया था।

6 कंपनी पीएसी के अलावा आसपास के थानों से भी पुलिसबल तैनात किया गया था। इस रास्ते पर जिन लोगों को घर और दुकान हैं, उनको भी आवाजाही में दिक्कत हुई। शाम तक दुकानें भी बंद रहीं। सुबह करीब 11 बजे युवाओं का एक जत्था दूधिया पीपल की तरफ से मंदिर की जाने लगा तो पुलिस ने उनको बेरिकेड लगाकर उनको रोक दिया। इसी दौरान पुलिस से पहले उनकी कहासुनी हुई। फिर उन्होंने बेरिकेड पलट दी। तभी पुलिस ने लाठी फटकार कर इन लोगों को खदेड़ दिया। मंदिर को जाने वाले मुख्य रास्ते पर भी जब पुलिस का सख्त पहरा देखा तो बड़ी तादाद में लोग वहीं से लौट गए। अंदर जाने की जिद पर अड़े 65 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस उनको लेकर पुलिस लाइन पहुंची। संतों ने लोगों से अपील की कि पुलिस जहां पर लोगों को रोके, वहीं पर पंचायत कर दो।

करीब 11 बजे जब लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने समर्थकों के साथ डासना मंदिर जाने के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उनको भी रोक दिया। इसके बाद वहां हंगामा हो गया। उन्होंने कहा कि वह गाजियाबाद पुलिस की कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे। महापंचायत के आहवान के बावजूद यति नरसिंहानंद सरस्वती न तो मंदिर में दिखे और न ही वह महापंचायत में आए। वाट्सएप पर उन्होंने कहा कि वह ज्यादा बातचीत नहीं कर सकती। उनको नजर बंद किया हुआ है। हालांकि, उन्होंने अपने एक्स पर गाजियाबाद पुलिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए एक वीडियो साझा किया। लिखा कि जो काम कोई नहीं कर रहा, वह काम गाजियाबाद पुलिस कर रही है। एक साधु को पुलिस गाली दे रही है। क्या आपकी सत्ता में यही होगा।

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