Image Slider

बहराइच: कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए मूंग की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है. मूंग दाल की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या पीला चितकबरी या मोजेक रोग की होती है. ये रोग पौधों को पीला कर बेजान कर देते हैं और पौधे सूखकर नष्ट हो जाते हैं. साथ ही यह रोग एक पौधे से दूसरे पौधों में बहुत आसानी से फैल जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, उड़द और मूंग की फसल में पीला चितवर्ण रोग, जिसे पीला चितकबरी या मोजेक रोग भी कहा जाता है.

मूंग की खेती को रोग से कैसे बचाएं?
पीला चितकबरी या मोजेक रोग से बचने के लिए बीज की बुवाई जुलाई के पहले हफ्ते तक कतारों में करनी होती है. शुरुआती समय में ही पीला चितकबरी या मोजेक रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर देना चाहिए. पीला मोजेक रोग से फसल को बचाने के लिए रोगग्रस्त पौधों को उखाड़कर खेत से दूर फेंकना या जला देना चाहिए.

मूंग और उड़द की रिकॉर्ड  तोड़ बुवाई
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस बार खरीफ सीजन में दालों की बंपर बुवाई हुई है. 12 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार, मूंग दाल की बुवाई 33 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि तक केवल 29 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो सकी थी. अन्य सभी दालों का बुवाई रकबा मिलाकर 118 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले सीजन में 111 लाख हेक्टेयर था. इस बार बुवाई में 7 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है.

इसे भी पढ़ें: 45 दिनों में तैयार हो जाएगी ये सब्जी, खेती कर किसान बन सकते हैं लखपति, जानें एक्सपर्ट से

खरीफ सीजन में किसानों ने दालों की फसलों की बंपर बुवाई की है. दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए केंद्र की ओर से मिले प्रोत्साहन का असर रकबे में भारी वृद्धि के रूप में देखा गया है. हालांकि, मूंग और उड़द की फसल में दो कीट रोग, पीला चितकबरी या मोजेक रोग और सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग का खतरा बढ़ गया है. इस बार बंपर बारिश के चलते जिन खेतों में अधिक समय तक पानी भरा रहा, वहां इन रोगों का खतरा और कीट हमले की समस्या अधिक देखी जा रही है

Tags: Agriculture, Local18, UP news

Social Media Links

Follow Us on Social Media

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||