बहुत खास है यह मटर समोसा
दिनेश ने लोकल18 से बातचीत में बताया, “पिता परशुराम के समोसे की खासियत ताजगी, चटपटा स्वाद और घर के बने मसालों से रही है.” वह भी पिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सीजन में कुछ अलग प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह सामान्य मटर समोसे के साथ-साथ चिली मटर समोसे भी बना रहे हैं. उनके पिता ग्राहकों की मांग पर अनलिमिटेड ग्रेवी और तीखा मसाला भी दिया करते थे, जो इस समोसे की एक बड़ी खासियत थी.
दूर-दूर से आते हैं मटर समोसा खाने
दिनेश बताते हैं कि उनकी दुकान पर बस्ती, हर्रैया, कप्तानगंज, बभनान, भानपुर और गोंडा से लोग मटर समोसा खाने आते हैं. कुछ लोग तो ऐसे हैं जो गौर में किसी काम से आते हैं, लेकिन बिना मटर समोसा खाए वापस नहीं जाते, चाहे जितनी भी भीड़ हो.
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रोज बिकती है 400-500 प्लेट
दिनेश बताते हैं कि उनकी दुकान पर रोजाना 400-500 प्लेट समोसे बिक जाते हैं. एक प्लेट की कीमत ₹20 है. इस तरह उन्हें प्रतिदिन 8-10 हजार रुपये का फायदा हो जाता है. सीजन के महीनों में यह आय डेढ़ गुना बढ़ जाती है.
IAS और IPS अधिकारी भी लेते हैं स्वाद
दिनेश बताते हैं कि कुछ उच्च अधिकारी और कर्मचारी अभी भी मटर समोसा खाने आते हैं और अपनी पुरानी यादें साझा करते हैं. हाल ही में एक आईपीएस अधिकारी, जो पचवस गांव के निवासी हैं, दुकान पर आए और बताया कि वह जब गौर डिग्री कॉलेज में पढ़ते थे, तो यही मटर समोसे की दुकान पर लंच किया करते थे।.
Tags: Basti news, Food 18, Local18
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