-टीबी मुक्त भारत अभियान, कंट्री इन होटल बाय रेडिशन द्वारा 12 क्षय रोगियों को प्रोटीन पोषण पोटली का वितरण
गाजियाबाद। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में शुक्रवार को साहिबाबाद स्थित सरस्वती कॉलोनी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कंट्री इन होटल बाय रेडिशन साहिबाबाद के वाइस प्रेसिडेंट सुदेश श्रीवास्तव द्वारा नवरात्रि-अष्टमी के अवसर पर 12 क्षय (टीबी) रोगियों को सामाजिक और भावनात्मक सहयोग के लिए गोद लेकर प्रोटीन पोषण पोटली का वितरण किया गया। टीबी मरीजों को भुना चना, मूंगफली दाना, सत्तू, सोयाबीन, गुड़, बिस्कुट दिया गया। उन्हें आगामी पूरे इलाज अवधि तक सहयोग देने हेतु गोद लेने का कार्य किया। वाइस प्रेसिडेंट सुदेश श्रीवास्तव ने कहा क्षय रोग (टीबी) की दवा बीच में छोडऩा खतरनाक है। पूरा कोर्स करना जरूरी है, तभी टीबी से मुक्ति मिल सकती है। दवा शुरू होने के एक माह बाद ही रोगी स्वस्थ महसूस करने लगते हैं। ऐसे में कई रोगी दवा छोड़ देते हैं। बीच में दवा छोड़ देने से वे ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के शिकार बन जाते हैं, जिनका उपचार मुश्किल हो जाता है।
क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है। टीबी कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है। अगर सचेत रहा जाए और बीमारी होने पर छुपाएं नहीं बल्कि अस्पताल जाकर इलाज कराएं। आज सरकार हर सरकारी अस्पतालों में टीबी के इलाज के लिए मुफ्त व्यवस्था की है। टीबी की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए नियमित रुप से दवाई का सेवन करें। प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय यादव ने बताया किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक खांसी का होना, लगातार बुखार होना, रात में पसीना आना और वजन बढऩा-घटना आदि टीबी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। नजदीकी अस्पताल में जाकर इसकी जांच कराना बेहद जरुरी है। पर्याप्त पोषण सहायता सुनिश्चित करने तथा टीबी से संबंधित बीमारी और मृत्यु-दर को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के माध्यम से पोषण सहायता की राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह कर दिया है।
इसका लाभ सभी नये और पुराने मरीजों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 से निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत सभी टीबी रोगियों को 500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं। यह वृद्धि एक नवंबर, 2024 से लागू हो गई है और सभी नए लाभार्थियों के साथ-साथ प्रभावी तिथि के बाद मिलने वाले लाभों पर भी लागू होगी। उन्होंने बताया इस राशि को 3,000 रुपये की दो बराबर किस्तों में दिया जाएगा, जिसमें 3,000 रुपये का पहला लाभ निदान के समय अग्रिम के रूप में दिया जाएगा और 3,000 रुपये का दूसरा लाभ उपचार के 84 दिन पूरे होने के बाद दिया जाएगा। जिन लाभार्थियों के उपचार की अवधि 6 महीने से अधिक है, उन्हें 1,000 रुपये प्रति माह का नया लाभ दिया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र कुमार, रविंद्र चौधरी, अवनीश यादव, कुलदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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