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गाजियाबाद। महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव जनपद में गुरूवार को धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार को भगवान श्रीराम के साथ महर्षि वाल्मीकि की पूजा की गई। नवयुग मार्केट स्थित वाल्मीकि पार्क में महर्षि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। शाम को विशाल शोभायात्रा भी निकाली गई। जिसमें 60 से अधिक झांकियां शामिल रही। वहीं, जटवाड़ा स्थित वाल्मीकि मंदिर में महर्षि वाल्मीकि की पूजा-अर्चना के साथ शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। शोभायात्रा में 60 झांकियां, 10 बैंड के अलावा ढ़ोल-नगाड़े, पपीरी, डीजे शामिल रहे। शोभायात्रा में भगवान गणेश,शिव पार्वती,भगवान श्रीराम-सीता और लक्ष्मण,महर्षि वाल्मीकि,राधा कृष्ण और सुदामा की झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा जटवाड़ा से शुरू होकर अग्रसेन बाजार चौपला मंदिर,डासना गेट,रमतेराम रोड से घंटाघर दिल्ली गेट से हापुड़ मोड़ से होते हुए नवयुग मार्केट स्थित वाल्मीकि पार्क पर समाप्त हुई। इसके पहले सुबह से ही महर्षि वाल्मीकि पार्क में प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। महापौर सुनीता दयाल ने भी पार्क में महर्षिक वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

वहीं, पूर्व महापौर आशा शर्मा, पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल, प्रदीप चौहान वाल्मीकि आदि ने महर्षि वाल्मीकि को पुष्पांजलि अर्पित की। पार्क में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.अनिल अग्रवाल ने भगवान वाल्मीकि को राम का आदर्श बताते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान राम के जन्म से 60 साल पूर्व रामायण लिखी। उन्होंने रामायण में जो कुछ भी लिखा व सारा सच हुआ। पूर्व महापौर आशा शर्मा ने कहा कि भगवान वाल्मीकि सनातन हिंदू संस्कृति के आराध्य देव हैं। जिनकी आराधना मंत्र से आदमी पवित्र हो सकता है। महापौर सुनीता दयाल ने कहता कि भगवान वाल्मीकि धरती के प्रथम ऐसे कई भूत-भविष्य और वर्तमान ज्ञाता थे। उन्होंने भगवान राम का विकट परिस्थितियों में साथ देने का काम किया। कार्यक्रम में वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति के महानगर अध्यक्ष पिंके टांक,महामंत्री नीरज वाल्मीकि, राजेंद्र चौहान, प्रवीण गहलौत, जॉनी, मनोज, सनी, अमित आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

स्कूलों,मंदिरों में मनाई जयंती

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशन में जनपद में समासेवियों, राजनीतिक पार्टियों, संस्थाओं और वाल्मीकि समाज ने महर्षि वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई। जनपद की पांचों विधानसभा लोनी,साहिबाबाद,गाजिायबाद,मुरादनगर एवं मोदीनगर में स्कूलों, मंदिरों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर महर्षि वाल्मीकि की मूर्तियों और चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके साथ ही अनेक स्थानों पर भंडारे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।

नगर आयुक्त ने शोभा यात्रा को दिखाई हरी झंडी

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक द्वारा जटवाड़ा स्थित मलिन बस्ती पहुंचकर भगवान महर्षि वाल्मीकि की पूजा अर्चना करते हुए पुष्प अर्पित किए और आयोजक महर्षि वाल्मीकि टेंपल ट्रस्ट जटवाड़ा के पदाधिकारी को शुभकामनाएं दी। नगर आयुक्त द्वारा कार्यक्रम के उपरांत शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कार्यक्रम में प्रदीप चौहान वाल्मीकि मुख्य संरक्षक, मनोज राजोरिया अध्यक्ष, प्रवीण सुस्वाल सचिव, संतोष पार्चा, हरिनंदन बेनीवाल, निशांत चढ़ा, विनय बेनीवाल ,पंकज पार्चा,शीलू सुस्वाल, नीरज वाल्मीकि व वाल्मीकि समाज के प्रबुद्ध नागरिक गण उपस्थित रहे। नगर आयुक्त ने वाल्मीकि महोत्सव के अवसर पर उपस्थित जनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वाल्मीकि ऋषि वैदिक काल के महान ऋषि बताए जाते हैं।

धार्मिक ग्रंथ और पुराण अनुसार वाल्मीकि ने कठोर तप अनुष्ठान सिद्ध कर के महर्षि पद प्राप्त किया था। परमपिता ब्रह्मा की प्रेरणा और आशीर्वाद पाकर वाल्मीकि ऋषि ने भगवान श्रीराम के जीवनचरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना की थी। ऐतिहासिक तथ्यों के मतानुसार आदिकाव्य श्रीमद वाल्मीकि रामायण जगत का सर्वप्रथम काव्य था। महर्षि वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना संस्कृत भाषा में की थी। महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषियों में माने जाते हैं। नगर निगम हमेशा वाल्मीकि समाज के साथ है। इस दौरान पदााधिकारियों ने नगर आयुक्त को प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।

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