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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला

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अपराध शाखा ने मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू) चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर छह स्क्रैप डीलरों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 4 करोड़ रुपये के 130 आरआरयू बरामद किए गए हैं। आरोपी दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में वारदात करते थे। दिल्ली पुलिस ने इन राज्यों के पुलिस थानों में दर्ज आरआरयू चोरी के 47 मामलों को सुलझाया है। पुलिस ने संबंधित राज्यों की पुलिस को इनकी गिरफ्तारी के संबंध में सूचित किया है।

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अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय भाटिया के अनुसार, शाखा की सेंट्रल रेंज में तैनात एसआई सुभाष चंद और हवलदार रोशन को सूचना मिली कि चोरों का अंतरराज्यीय गिरोह दिल्ली, एनसीआर और अन्य राज्यों में आरआरयू चुरा रहा है। इसके बाद दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर का डाटा एकत्र कर जांच शुरू की गई। एसीपी/सेंट्रल रेंज पंकज अरोड़ा की देखरेख व इंस्पेक्टर सुनील कुमार कालखंडे के नेतृत्व में एसआई सुभाष चंद, एसआई बीरपाल सिंह, एसआई संजय राणा, एएसआई हरीश बिष्ट व एएसआई पुष्पा दास की टीम ने एनएच-9, अक्षरधाम मंदिर से पांडव नगर की ओर जाने वाली सड़क पर घेराबंदी कर मेरठ निवासी आदिल (25), सादिक (21) और अदनान (22) को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह एनसीआर सहित अन्य राज्यों से आरआरयू चुराते हैं। इनके कब्जे से बैग से एक आरआरयू बरामद किया गया। इसके अलावा निशानदेही पर पांडव नगर क्षेत्र के एक गोदाम से 126 आरआरयू बरामद किए गए। विदेश भेजने के लिए आरोपियों ने आरआरयू की इतनी बड़ी खेप जमा की थी। आरोपी किसके जरिये विदेश में आरआरयू भेजते थे, पुलिस इसका पता लगा रही है।

अन्य आरोपी गिरफ्तार

तीनों आरोपियों से पूछताद के बाद अपराध शाखा की टीम ने शहीद नगर, साहिबाबाद निवासी मोहम्मद अनस (20) और ईस्ट ओल्ड, सीलमपुर निवासी मोहम्मद मशकूर (30) को स्कूटी व दो आरआरयू के साथ गिरफ्तार किया। आरोपियों की तलाशी में तमंचा और 4 कारतूस भी बरामद किए गए। इसके बाद मंडावली निवासी फरहान (21) को पकड़ा गया। स्कूटी की डिग्गी से आरआरयू को तोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले औजार और दो आरआरयू बरामद किए गए।

क्या है आरआरयू

दिल्ली से 18, यूपी से 3, असम से 20, बिहार से 2, झारखंड से 2 और पश्चिम बंगाल से 2 आरआरयू चुराए गए। आरआरयू ट्रांसीवर है जो वायरलेस बेस स्टेशनों पर होता है। ये ट्रांसीवर वायरलेस डिवाइस को वायरलेस नेटवर्क से जोड़ते हैं, जिससे अन्य चीजों के अलावा टेक्स्ट मैसेज भेजना और प्राप्त करना संभव हो जाता है।

स्क्रैप का व्यवसाय

आदिल, सादिक और अदनान पहले मेरठ में स्क्रैप डीलर के रूप में काम करते हैं। आदिल व सादिक भाई हैं और विभिन्न देशों में आरआरयू की उच्च लागत और मांग के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। आदिल ने सादिक और अदनान को साथ लेकर गिरोह बनाया और मोबाइल टावरों से आरआरयू चुराने शुरू कर दिए।

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