Image Slider

एनजीटी
– फोटो : संवाद

विस्तार


राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को नोटिस जारी किया है। अधिकरण ने यह निर्देश वसंत कुंज स्थित मछली तालाब में बढ़ते प्रदूषण से जुड़े मामले में दिया है। अदालत ने यह फैसला डीजेबी और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के बीच एक मामले में लिया। इसमें साइट पर खराब पड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए कौन सी एजेंसी जिम्मेदार होगी। इसमें दोनों विभाग ने अपनी भूमिका और जवाबदेही से इन्कार कर दिया था।

Trending Videos

न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि डीजेबी को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले अपना जवाब दाखिल करे। इसके अलावा वह अदालत के सामने अपना प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करे।

पीठ ने पर्यावरण मुद्दे को सुलझाने में डीजेबी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर डाला। इसलिए विभाग को प्रतिवादी के रूप में शामिल किया। पीठ ने कहा कि डीडीए के वकील ने अदालत को बताया था कि डीडीए और डीजेबी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ था। 

इसके तहत डीजेबी को मछली तालाब में एसटीपी के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, 14 मई को एक जवाब में जल बोर्ड ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को दावा किया कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

ट्रिब्यूनल ने लिया था स्वतः संज्ञान

यह मामला तब शुरू हुआ जब ट्रिब्यूनल ने मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया था। इसमें तालाब की बिगड़ती स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था। मामला एक एसटीपी के अनुचित संचालन से जुड़ा है। इसे आस-पास के क्षेत्रों से अपशिष्ट जल को संभालने के लिए बनाया गया था। फिर भी एसटीपी चालू नहीं है। ऐसे में सीवेज और अपशिष्ट सीधे तालाब में बह रहे हैं। अधिकरण के आदेश के तहत डीपीसीसी ने 4 सितंबर को अपनी रिपोर्ट दायर की थी। इसके अलावा डीडीए ने 25 सितंबर को रिपोर्ट दायर की थी।

Social Media Links

Follow Us on Social Media

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||