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नई दिल्‍ली. ईवी के फायदे देखकर लोगों मन का इसे खरीदने का करता होगा, लेकिन बैट्री को लेकर जरूर मन में सवाल उठते होंगे, क्‍योंकि यह काफी महंगी होती है. जल्‍द ही यह चिंता लोगों की खत्‍म हो जाएगी. बैट्री बदलना लोगों के लिए महंगा सौदा नहीं होगा. इसकी कीमत और कम हो जाएगी. ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में चल रहे रीन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) और बैटरी शो इंडिया में नई-नई तकनीकों का बैट्री कंपनियों ने प्रदर्शन कर रही हैं. बैट्री स्‍टोरेज 2031-32 तक 47 गीगावॉट तक पहुंचने की तैयारियों को दिखाया गया है.

भारत लिथियन-आयन बैटरी के स्वदेशी उत्पादन में के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. उम्मीद है कि इससे उत्पादन क्षमता 2030 तक 150 गीगावॉट तक पहुंच जाएगा, जो सेल की कुल मांग का 13 फीसदी हिस्सा कवर करेगा. इसी तरह के लक्ष्‍यों के साथ बैट्री कंपनियां इस एक्‍सो में पहुंची हैं. मौजूदा समय देश में 1.6 करोड़ ईवी हैं. इनकी संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. देश में 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री को 30 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है.

केन्द्र सरकार ने रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली प्राप्त के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, अगले 5 वर्षों में सालाना 50 गीगावॉट की रीन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है. रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 30.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी. एक्‍सपो में इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास ने बताया रीन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो 2024 और बैटरी शो इंडिया, कार्बन फुटप्रिन्ट कम करने और रीन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है.  सरकार का 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 45 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य है. एक्‍सपो में रीन्यूएबल एनर्जी की ओर बढ़ते कदम को दर्शाया गया है. जैसे 37.49 गीगावॉट की कुल क्षमता वाले 50 सोलर पार्कों के लिए स्‍वीकृति , 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लक्ष्य और 2030 तक 30 गीगावॉट विंड एनर्जी हासिल करना आदि शामिल है.

FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 09:48 IST

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